केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा, ‘विभिन्न योजनाओं और गतिशक्ति मास्टर प्लान की बदौलत स्टील की खपत निरंतर बढ़ती रहेगी, द्वितीयक इस्पात क्षेत्र के विकास का मिशन तैयार किया जा रहा है’

इस्पात मंत्रालय ने ओडिशा स्थित इस्पात कंपनियों के साथ एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया। केंद्रीय इस्पात मंत्री  श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ओडिशा स्थित इस्पात कंपनियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस्‍पात उद्योग की चिंताओं को सामने रखा जिनमें इस उद्योग के लिए विशेषकर वित्त, रसद (लॉजिस्टिक्स) एवं पर्यावरण से जुड़ा बेहतर माहौल सुनिश्चित करना और इस क्षेत्र के लघु उद्योगों के लिए आवश्‍यक सहायता मुहैया कराना शामिल था।  

 

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सत्र के दौरान मंत्री महोदय ने विकास की दिशा में उल्‍लेखनीय प्रगति करने के लिए सरकार के साथ-साथ ओडिशा की जनता की भी सराहना की। विश्व कौशल केंद्र, भुवनेश्वर जैसे संस्थानों के जरिए ओडिशा सरकार ने कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया है जो कि वास्‍तव में समय की मांग है। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं जैसे कि गतिशक्ति मास्टर प्लान की बदौलत स्टील की खपत निरंतर बढ़ती रहेगी जिसमें द्वितीयक इस्पात क्षेत्र का योगदान काफी अधिक होगा। उन्होंने कहा कि द्वितीयक इस्पात क्षेत्र को विकसित करने का एक मिशन फि‍लहाल तैयार किया जा रहा है।

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मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सरकार इस्पात उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रियतापूर्वक हरसंभव प्रयास करती रही है और इसके साथ ही उन्‍होंने इस क्षेत्र, विशेषकर द्वितीयक इस्पात कंपनियों के विकास में बाधक विशेष मुद्दों पर प्राप्‍त‍ जानकारियों एवं सुझावों और टिप्पणियों का स्वागत किया।

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