हिन्दुस्तान में हिजाब को मुद्दा बनाने वाले पाकिस्तान की शिया मस्जिद में हुए भीषण बम विस्फोट की घटना को गंभीरता से लें।

हिन्दुस्तान में हिजाब को मुद्दा बनाने वाले पाकिस्तान की शिया मस्जिद में हुए भीषण बम विस्फोट की घटना को गंभीरता से लें।
57 मुसलमान तब मरे, जब वे मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। आत्मघाती बम्बर भी मुसलमान ही था।
==================
हिन्दुस्तान में ऐसे लाखों हिन्दू मिल जाएंगे जो मुस्लिम सूफी संतों की दरगाहों में जाकर जियारत करते हैं, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पेशावर प्रांत के किस्सा ख्वानी बाजार की जामा मस्जिद में 4 मार्च को जब जुम्मे की नमाज पढ़ी जा रही थी, तब आत्मघाती बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में 57 मुसलमान नमाज पढ़ते हुए ही मौत के घाट उतर गए। विस्फोट में 200 नमाजी जख्मी हुए जिनका अब अस्पतालों में इलाज चल रहा है। खास बात यह है कि आत्मघाती बम्बर भी मुसलमान ही था। पाकिस्तान की शिया मस्जिद में हुए इस विस्फोट की घटना को हिंदुस्तान में उन लोगों को गंभीरता से लेना चाहिए जो हिजाब को मुद्दा बना रहे हैं। हिजाब को लेकर देशभर में धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं खासकर स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को हिजाब पहनने का संवैधानिक अधिकार है। सवाल उठता है कि मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने से कौन रोक रहा है। हिजाब ही नहीं मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर घूम रही है, लेकिन कभी भी किसी ने एतराज नहीं किया। मुस्लिम छात्राएं स्कूल कॉलेज की कक्षाओं में भी हिजाब पहन कर बैठे, इसको लेकर बेवजह का मुद्दा बनाया जा रहा है। निजी स्कूल कॉलेजों ने अपना यूनिफार्म कोड बना रखा है।
कुछ लोग ऐसे यूनिफॉर्म कोड को भी तोडऩा चाहते हैं। जबकि यूनिफार्म कोड कक्षा में समानता का प्रतीक है। यानी शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी एक समान है। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग देश में हिजाब को मुद्दा बना रहे हैं। भले ही पाकिस्तान की घटना का भारत से कोई ताल्लुक न हो, लेकिन भारत के लिए यह घटना गंभीर है।
पाकिस्तान पहले हिन्दुस्तान का ही भूभाग था, लेकिन 1947 में आजादी के समय मुस्लिम आबादी के लिहाज से पाकिस्तान को अलग मुल्क बनाया गया। तब हमारे नेताओं ने पाकिस्तान को तो मुस्लिम राष्ट्र स्वीकार कर लिया, लेकिन हिंदुस्तान को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र माना। धर्म के आधार पर विभाजन हो जाने के बाद भी हिंदुस्तान को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने को लेकर आज भी सवाल उठते हैं। लेकिन यह सही है कि जिस पाकिस्तान को धर्म आधारित मुस्लिम राष्ट्र बनाया, उसी पाकिस्तान की शिया मस्जिद में आज नमाजियों पर बम फोड़े जा रहे हैं। यानी मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान में ऐसे तत्व है, जिन्हें शिया मुसलमानों को नमाज पढ़ना भी पसंद नहीं है।
इसके विपरीत हिन्दुस्तान में हर दरगाह और मस्जिद के प्रति श्रद्धाभाव है। मुसलमान शिया हो या सुन्नी सभी पूरे सुकून के साथ नमाज पढ़ सकते हैं। हिंदुस्तान में मुसलमान जितना सुरक्षित और सम्पन्न है, उतना किसी भी मुस्लिम देश में नहीं है।
अच्छा हो कि यह भाई चारा बना रहे। भारत जैसे देश में हिजाब का मुद्दा बनना ही नहीं चाहिए। जो मुस्लिम लड़कियां कान्वेंट स्कूल कॉलेजों में पढ़ती हैं, वे ऐसे मुद्दों से कोई सरोकार नहीं रखती। जो लोग हिजाब को मुद्दा बना रहे हैं, क्या वे मुस्लिम लड़कियों को मुंबइया फिल्मों में काम करने से रोक सकते हैं?