भारतीय नौसेना के आईएनएस शिवाजी को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा समुद्री इंजीनियरिंग क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आईएनएस शिवाजी को समुद्री इंजीनियरिंग (एमई) के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में मान्यता प्रदान की है। इसके लिए मान्यता प्रमाण पत्र 22 मार्च 2022 को नई दिल्ली में मंत्रालय के मुख्यालय, श्रम शक्ति भवन में आईएनएस शिवाजी के कमांडिंग ऑफिसर कमोडोर अरविंद रावल को एमएसडीई के सचिव श्री राजेश अग्रवाल, आईएएस द्वारा सौंपा गया।

 

एमएसडीई द्वारा उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता किसी भी सैन्य संगठन के लिए अपनी तरह की पहली और कौशल तथा प्रौद्योगिकी विकास की दिशा में स्थापना के निरंतर प्रयासों का अगला कदम है।

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आईएनएस शिवाजी के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (समुद्री इंजीनियरिंग) की स्थापना वर्ष 2014 में एक व्यापक शासनादेश के साथ की गई थी, जिसके प्रमुख उद्देश्यों में नौसेना अनुप्रयोगों के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करना, अनुसंधान एवं विकास और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण अन्वेषण करना तथा क्षेत्रीय स्तर के मुद्दों के इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करना शामिल हैं। आईएनएस शिवाजी में उपलब्ध बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के गहन मूल्यांकन तथा भारतीय नौसेना, मित्र देशों की नौसेनाओं और पूरे इकोसिस्टम में कर्मियों के कौशल को बढ़ाने के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण के बाद इस उत्कृष्टता केंद्र को मान्यता दी गई थी।

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यह मान्यता समुद्री इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मित्र देशों की नौसेनाओं के लिए एक पसंदीदा प्रशिक्षण प्रतिष्ठान के रूप में आईएनएस शिवाजी की स्थिति को और बेहतर करेगी तथा गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान एवं विकास के लिए देश के भीतर व बाहर के प्रतिष्ठित उद्योग तथा शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी बढ़ाने में सक्षम बनाएगी।

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