वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही के लिए सरकार की उधारी योजना

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित 14.31 लाख करोड़ रुपये [1] की सकल बाजार उधारी में से 8.45 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही (एच1) में उधार लेने की योजना है।

इतनी उधारी को 32,000-33,000 करोड़ रुपये की 26 साप्ताहिक किस्‍तों में पूरा करने का कार्यक्रम है। यह उधारी 2, 5, 7, 10, 14, 30 एवं 40 वर्षों की परिपक्‍वता अवधि वाली प्रतिभूतियों और विभिन्न अवधि के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (एफआरबी) के जरिए जुटाई जाएगी। विभिन्न परिपक्वताओं के तहत उधारी की हिस्सेदारी यह होगी: 2 वर्ष (6.15%), 5 वर्ष (13.85%), 7 वर्ष (10.77%), 10 वर्ष (20%), 14 वर्ष (15.98%), 30 वर्ष (13.25%) ), 40 वर्ष (13.85%) और एफआरबी (6.15%)। विभिन्न अवधि वाले एफआरबी हर पखवाड़े जारी किए जाएंगे।

सरकार मोचन या विमोचन को सुगम बनाने के लिए प्रतिभूतियों की अदला-बदली करना जारी रखेगी।

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सरकार नीलामी अधिसूचना में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूति पर 2,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त अंशदान बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का उपयोग करना आगे भी जारी रख सकती है।

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में ट्रेजरी बिलों के तहत साप्ताहिक उधारी 33,000-34,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जबकि तिमाही के दौरान 2.40 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी रहने की आशा है। तिमाही के दौरान होने वाली प्रत्येक नीलामी में 91 डीटीबी के तहत 13,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 12,000-13,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 8,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। 

सरकारी खाते में अस्थायी मिलान या विसंगतियों को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) सीमा 1,50,000 करोड़ रुपये निर्धारित की है।

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भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड, जैसा कि 1 फरवरी, 2022 के बजट भाषण में माननीय वित्त मंत्री द्वारा घोषित किया गया था, जारी करने के लिए एक रूपरेखा प्रस्‍तुत करने हेतु संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। संबंधित तैयारी पूरी हो जाने के बाद सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करने की घोषणा कर दी जाएगी।

इस बारे में विस्‍तृत विवरण वित्त मंत्रालय और आरबीआई की वेबसाइटों पर उपलब्ध प्रेस विज्ञप्ति में देखे जा सकते हैं। 

 

 

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