प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, रोपवे के माध्यम से पंक्ति में मौजूद पहले और आखिरी व्यक्ति के बीच सम्पर्क में सुधार के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री श्री वी के सिंह महत्वाकांक्षी पर्वतमाला योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में रोपवे के निर्माण के लिए एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड) और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के गवाह बने। उन्होंने राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इस अवसर पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।
यह एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन है जो पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय, पर्यावरण के अनुकूल, सुंदर और निर्बाध यात्रा अनुभव की सुविधा प्रदान करेगा।विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, राज्य में कुल 3,232 करोड़ रुपये की लागत से 57.1 किलोमीटर लंबी 7 रोपवे परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा। ..
ये हैं:
1. पालमपुर थात्री-चुंजा ग्लेशियर की लंबाई 13.5 किमी है, जिसकी लागत 605 करोड़ रुपये है।
2. शिरगुल महादेव मंदिर से चूधर (जिला – सिरमौर) तक की लंबाई 8 किलोमीटर है जिसकी लागत 250 करोड़ रुपये है।
3. लुंहू-बंदला (जिला-बिलासपुर) जिसकी लंबाई 3 किमी है, जिसकी लागत 150 करोड़ रुपए है।
4. हिमानी से चामुंडा (जिला-कांगड़ा) की लंबाई 6.5 किलोमीटर है, जिसकी लागत 289 करोड़ रुपये है।
5. बिजली महादेव मंदिर (जिला-कुल्लू) 3.2 किमी लंबा, जिसकी लागत 200 करोड़ रुपए है।
6. भरमौर से भरमनी माता मंदिर की लंबाई 2.5 किलोमीटर है जिसकी लागत 120 करोड़ रुपये है।
7. किलर से सच्च दर्रा (जिला-चंबा) 20.4 किमी लंबा, जिसकी लागत 1618 करोड़ रुपए है।
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एमजी/एएम/केपी/सीएस