खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में भारोत्तोलन स्पर्धा में 26 केआईयूजी रिकॉर्ड बने, एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड टूटा

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की कोमल कोहर ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 का पहला स्वर्ण जीतकर सभी खिलाड़ियों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। भारोत्तोलन प्रतियोगिता के 45 किलोग्राम वर्ग में भाग लेते हुए कोहर ने तीनों श्रेणियों (स्नैच, क्लीन एंड जर्क, कंबाइंड) में रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस तीन दिवसीय खेल आयोजन की जबरदस्त शुरुआत के दौरान 26 नए केआईयूजी रिकॉर्ड बने और 20 भार श्रेणियों में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना।

इस प्रतियोगिता के पहले दिन ने जहां जबरदस्त माहौल बनाया, वहीं फाइनल ने इसका सटीक  समापन किया जिसका मुख्य आकर्षण  महिलाओं के 87 किलोग्राम से अधिक भार वर्ग में ऐन मारिया द्वारा क्लीन एंड जर्क श्रेणी में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा जाना रहा। उन्होंने 129 किलोग्राम भार उठाकर मनप्रीत कौर के 128 किलोग्राम के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। मनप्रीत कौर ने यह रिकॉर्ड इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान बनाया था।

ऐन मारिया ने मार्च में भुवनेश्वर में राष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में कुल 231 किलोग्राम भार उठाकर कंबाइंड श्रेणी का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था। अपनी शानदार लिफ्ट और 101 किलोग्राम स्नैच की बदौलत, उन्होंने मैंगलोर विश्वविद्यालय के लिए स्वर्ण पदक जीता।

अपनी बड़ी जीत के बाद, ऐन मारिया ने कहा, “केआईयूजी 2021 में आने से पहले मैंने सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय प्रतियोगिता के बाद, मैं थोड़ी मायूस थी क्योंकि मेरे कंधे में चोट लग गई थी और मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहा थी। मुझे अपने आप से आज इस तरह का परिणाम पाने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन मुझे अपने प्रयासों पर बेहद गर्व है।”

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पावरलिफ्टिंग में अपने खेल करियर की शुरुआत करने वाली ऐन को उनकी मां ने वजन कम करने के उद्देश्य से भारोत्तोलन के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए राजी किया था। लेकिन जल्द ही, उन्होंने इस खेल का आनंद लेना शुरू कर दिया और इसमें बेहतर करने के लिए गहन प्रशिक्षण लेना आरंभ कर दिया।

उन्होंने कहा, “मैंने हर दिन प्रशिक्षण के लिए जाना शुरू किया और कड़ी मेहनत की। भारोत्तोलन वह खेल है जिससे मुझे लगाव है। कोई और ऐसा खेल नहीं है जिसमें मैं इस तरह कर पाउंगी।”

ऐन ने कहा, “मेरी मां अपनी युवावस्था में एक भारोत्तोलक थीं, लेकिन तब उन्हें कोई सहयोग प्राप्त नहीं था। मैं उन्हें और अपने पिता, जोकि एक रिक्शा चालक हैं, को अपनी प्रेरणा मानती हूं, क्योंकि वे हर तरह से मेरा समर्थन करते हैं।”

पिछले तीन साल से ऐन बैंगलोर के साई सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। उनके प्रशिक्षक विस्तार से बताते हैं कि वे पिछले एक साल में क्यों अपनी छाप छोड़ने में सफल रही हैं।

दो महीने के अन्तराल में दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने पर, ऐन मारिया की प्रशिक्षक मीनाक्षी सुंदरेश्वरन ने कहा, “स्नैच और क्लीन-एंड-जर्क के बीच उसका अनुपात काफी अच्छा है। यह उसके लिए अहम समय है। 25 साल की उम्र तक, उनका पीक टाइम है। वह अभी 23 साल की हैं। उसके लिए अगली प्रतियोगिता एशियाई खेल है और फिर वह सीनियर चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने जाएगी।”

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प्रशिक्षक सुंदरेश्वरन ने केआईयूजी 2021 में अपनी रणनीति के बारे में चर्चा की और यह बताया कि क्यों ऐन अपने समग्र राष्ट्रीय रिकॉर्ड को पार करने से चूक गई।

उन्होंने कहा, “वह इसे तोड़ने में बेहद सक्षम है, लेकिन इसके पीछे एक सोची – समझी रणनीति थी। हमने ऐसी योजना बनाई ताकि वह एक स्वर्ण पदक जीत सके। हमें यकीन था कि वह 101 किलोग्राम स्नैच लिफ्ट हासिल कर स्वर्ण पदक प्राप्त कर लेगी।”

अपनी छात्रा पर पूर्ण विश्वास जताते हुए, प्रशिक्षक सुंदरेश्वरन ने आगे कहा कि जल्द ही, ऐन दुनिया भर के शीर्ष भारोत्तोलकों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार होगी। अपनी बात समाप्त करते हुए, उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल संभव है कि थोड़ी पूर्व-योजना बनाकर ऐन अपने भार वर्ग में अपने अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने और देश के लिए प्रतिष्ठा अर्जित करने में सफल होगी। वह एक बेहद ही प्रतिस्पर्धी एथलीट हैं और उसके करियर में उसे बड़ी उपलब्धियां हासिल होंगी।”   

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