पवन हंस लिमिटेड के विनिवेश के लिए रणनीतिक खरीदार को स्वीकृति

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया से युक्त आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के अधिकार प्राप्त वैकल्पिक तंत्र ने भारत सरकार की संपूर्ण हिस्सेदारी (शेयरहोल्डिंग का 51%) की बिक्री के लिए पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) और प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के लिए मेसर्स स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की उच्चतम बोली को स्वीकृति दे दी है।

पीएचएल भारत सरकार और ओएनजीसी का एक संयुक्त उद्यम है जिसके माध्यम से हेलीकॉप्टर और एयरो मोबिलिटी सेवाएं प्रदान की जाती है। भारत सरकार के पास कंपनी में 51% शेयर हैं और ओएनजीसी के पास शेष 49% शेयर हैं। इससे पूर्व, ओएनजीसी ने भारत सरकार के रणनीतिक विनिवेश लेनदेन में चिन्हित सफल बोलीदाता को अपनी संपूर्ण शेयरधारिता की पेशकश भारत सरकार के समान मूल्य और शर्तों पर करने का निर्णय लिया है।

सीसीईए ने अक्टूबर, 2016 में पीएचएल में भारत सरकार की संपूर्ण हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी। पूर्व में भी इस लेन-देन का तीन बार प्रयास किया जा चुका है। पहले दौर में, प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) 13 अक्टूबर 2017 को जारी की गई थी जिसमें रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) मांगी गई थी। प्राप्त चार ईओआई में से केवल एक को ही पात्र पाया गया और लेनदेन रद्द कर दिया गया। दूसरे दौर में, 14 अप्रैल, 2018 को ईओआई की मांग करते हुए पीआईएम जारी किया गया था और दो बोलीदाताओं को योग्य पाया गया था और उन्हें प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) जारी किया गया था। हालांकि, आखिर में, आरएफपी के साथ गैर-अनुपालक के रूप में मात्र एक एकल अधूरी बोली प्राप्त हुई। तीसरे दौर में, 11 जुलाई 2019 को ईओआई की मांग करते हुए पीआईएम जारी किया गया था। प्राप्त चार ईओआई में से केवल एक को ही योग्य पाया गया और प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। 8 दिसंबर 2020 को आमंत्रित रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) के अनुरोध के साथ यह चौथी पुनरावृत्ति है। सात ईओआई प्राप्त हुए और चार इच्छुक बोलीदाताओं को योग्य बोलीदाताओं के रूप में चुना गया। विस्तृत सावधानी बरतने के बाद, योग्य बोलीदाताओं को वित्तीय बोलियां जमा करने के लिए आमंत्रित किया गया था जिसके तहत तीन वित्तीय बोलियां प्राप्त हुईं।

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मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार, विशेषज्ञों (लेन-देन सलाहकार और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता) द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर, पीएचएल की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए आरक्षित मूल्य 199.92 करोड़ रुपये तय किया गया था। तत्पश्चात, तीनों बोलियों को बोलीदाताओं की उपस्थिति में खोला गया। तीनों बोलियां वैध पाई गईं। मेसर्स बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स अल्मास ग्लोबल अपॉर्चुनिटी फंड एसपीसी के समूह के तौर पर मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड 211.14 करोड़ रुपये की बोली लगाने वाले उच्चतम बोलीदाता के रूप में सामने आया, जो आरक्षित मूल्य से अधिक था। अन्य दो बोलियां 181.05 करोड़ रुपये और 153.15 करोड़ रुपये के लिए थीं। उचित विचार-विमर्श के बाद, सरकार द्वारा मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की वित्तीय बोली स्वीकार कर ली गई है।

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रणनीतिक विनिवेश लेनदेन को एक खुली, प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से कार्यान्वित किया गया था, जो एक बहुस्तरीय परामर्शदात्री निर्णय की व्यवस्था द्वारा समर्थित है और इसमें अंतर-मंत्रालयी समूह, विनिवेश पर सचिवों का कोर समूह और सशक्त वैकल्पिक तंत्र भी शामिल हैं। यह लेनदेन अब अंतिम चरण में है। अगले चरण में लेटर ऑफ अवार्ड जारी करना, शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करना और लेनदेन को बंद करना शामिल है।

पीएचएल को  छले तीन वर्षों (वित्त वर्ष-19, वित्त वर्ष -20 और वित्त वर्ष-21) में घाटा हो रहा है। कंपनी के पास 42 हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है, जिनमें से 41 कंपनी के स्वामित्व में हैं। स्वामित्व वाले हेलीकॉप्टर औसतन 20 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके हैं और वर्तमान में उनमें से तीन-चौथाई के मूल उपकरणों को निर्माता द्वारा निर्मित नहीं किया जा रहा है। इस निजीकरण के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि रणनीतिक खरीदार नई पूंजी प्रवाह के माध्यम से पुराने बेड़े को बदलकर कंपनी को फिर से नई गति देते हुए इसके प्रदर्शन में सुधार करेगी।

 

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