उद्योग के साथ रक्षा मदों का स्वदेशीकरण पूरे जोरों पर;

रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत आयात को कम करने के निरंतर प्रयास में, रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी), रक्षा मंत्रालय ने अपने डीपीएसयू द्वारा रक्षा वस्तुओं के स्वदेशीकरण के लिए अभियान तेज कर दिया है। रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार द्वारा प्रगति की समीक्षा साप्ताहिक आधार पर की जा रही है ।

स्वदेशीकरण की प्रगति की स्थिति की निगरानी के लिए अपने सृजन पोर्टल पर उपयोगकर्ता के अनुकूल एक व्यापक ‘डैशबोर्ड’ विकसित किया गया है। यह डैशबोर्ड स्वदेशीकरण की प्रक्रिया के दौरान संबंधित डीपीएसयू द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों के वास्तविक समय के शुरू से अंत तक अपडेट को सक्षम बनाता है। यह डीपीएसयू के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए पारदर्शी सूचना, विश्लेषण और विशिष्ट रूप से निर्मित विभिन्न रिपोर्ट प्रदान करता है।

स्वदेश में निर्मित की जाने वाली वस्तुओं का विवरण, अस्थायी आदेश मात्रा, संबंधित डीपीएसयू, अपनाए जाने वाले स्वदेशीकरण का मार्ग, प्रभारी नोडल अधिकारी का विवरण, रुचियों की अभिव्यक्ति का विवरण, प्रस्ताव के लिए अनुरोध, परियोजना स्वीकृति आदेश आदि जैसी महत्वपूर्ण जानकारी इसे उद्योग के लिए सुलभ बनाने के लिए सार्वजनिक की गई है।

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उद्योग द्वारा डैशबोर्ड शीघ्र ही सुलभ होगा। उद्योग भागीदार डैशबोर्ड पर विवरण देख सकते हैं और ‘आत्मनिर्भर भारत’ में भागीदार बनने के लिए अपनी क्षमताओं के अनुसार अवसर का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, मंत्रालय इस डैशबोर्ड के माध्यम से डीपीएसयू द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी करेगा। यह उम्मीद की जा रही है कि डैशबोर्ड स्वदेशीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए बड़ा परिवर्तन हो सकता है।

यह उल्लेख किया जा सकता है कि डीडीपी ने डीपीएसयू के संबंध में दिसं‍बर 2021 और मार्च 2022 में दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां अधिसूचित की थी। पहली सूची में 2,851 मद शामिल हैं, जिनमें से 2,500 मद पहले से ही स्वदेशी हैं और 351 मदों का स्वदेशीकरण किया जा रहा है। दूसरी रिपोर्ट में स्वदेशीकरण के लिए 107 प्रमुख लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स/सब-सिस्टम को अधिसूचित किया गया है। ये मद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल), आर्मर्ड व्‍हीकल्‍स निगम लिमिटेड (एवीएनएल), म्‍यूनीशन्‍स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) से संबंधित हैं। रक्षा सचिव के स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा और डैशबोर्ड के माध्यम से निगरानी के परिणामस्वरूप पर्याप्त प्रगति हुई है और डीपीएसयू को अब उद्योग से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।

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107 मदों में से, डीपीएसयू ने 98 मदों के लिए अभिरुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) पहले ही जारी कर दी है और शेष नौ मदों के लिए ईओआई जारी करने की कार्रवाई जारी है। 98 ईओआई में से 28 मामले पहले ही अगले चरणों में आगे बढ़ चुके हैं और 70 ईओआई सक्रिय अवस्था में हैं। बीईएल ने मेक-II मार्ग के तहत वस्तुओं के विकास के लिए उद्योग को पहले ही पांच परियोजना स्वीकृति आदेश (पीएसओ) जारी किए हैं। इसके अलावा, एवीएनएल के नौ मदों और जीआरएसई के दो मदों सहित 11 मद विभिन्न मार्गों के तहत प्रोटोटाइप डिजाइन और विकास की स्थिति में हैं।

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