राजधानी ट्रेन से 60 लाख की चोरी, कोटा स्टेशन की घटना, मचा हड़कंप
Rail News: नई दिल्ली-मुंबई तेजस राजधानी एक्सप्रेस (12952) से 60 लाख की चोरी का मामला सामने आया है। यह घटना मंगलवार रात कोटा स्टेशन की बताई जा रही है। यात्री ने गुरुवार देर रात कोटा जीआरपी थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। घटना सामने आने के बाद जीआरपी और आरपीएफ में हड़कंप पहुंचा हुआ है। पुलिस शिद्दत से चोरों की तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस ने बताया कि यात्री लोहित रेगर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह दिल्ली में एक ज्वेलरी शॉप पर काम करता है। इसका मालिक विकास सरदाना है। विकास ने उसे 36 लाख 50 हजार नगद तथा 25 लाख रुपए की ज्वेलरी मुंबई पहुंचने के लिए दी थी। कोटा स्टेशन से रात करीब 10:45 बजे ट्रेन रवाना होने के बाद उसे नगदी और ज्वेलरी से भरा बैग गायब मिला। काफी तलाशने के बाद भी उसे बैग का कहीं पता नहीं चला। इस दौरान उसे दो कोच अटेंडेंट भी नजर नहीं आए।
लोहित ने बताया कि बुधवार को ट्रेन मुंबई पहुंचने पर भी कोच अटेंडेंटों का कहीं पता नहीं चला। इसके बाद लोहित ने कोटा पहुंचकर चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
बयाना-करौली के रहने वाले हैं कोच अटेंडेंट
पुलिस ने बताया कि कोच अटेंडेंटों के बयाना और करौली के पास रहने की जानकारी सामने आ रही है। इसमें से एक योगेश और दूसरे का नाम रामवीर यादव बताया जा रहा है। पुलिस को शक है कि यह लोग चोरी में शामिल हो सकते हैं। कोटा स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज ख॔गालने पर एक व्यक्ति कोच से उतरता नजर आ रहा है। लेकिन फिलहाल इसकी पहचान कोच अटेंडेंट के रूप में नहीं हुई है।
साजिश की बू
वहीं सूत्रों द्वारा इस पूरे मामले को साजिश के रूप में भी देखा जा रहा है। सूत्रों ने प्रश्न उठाया कि चोरी की घटना का पता चलते ही लोहित में राजधानी में मौजूद आरपीएफ गश्ती जवानों को क्यों नहीं दी। इसके अलावा लोहित कहीं ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज नहीं करवाई। रास्ते के स्टेशनों और मुंबई में भी मोहित ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज करना जरूरी नहीं समझा। इसके अलावा लोहित के मालिक विकास द्वारा भी कहीं शिकायत दर्ज करने की जानकारी नहीं मिली।
जीआरपी की मामला छुपाने की कोशिश
जीआरपी द्वारा पूरे मामले को छुपाने की कोशिश की गई। थाने पर फोन करने पर कांस्टेबल दाताराम ने सब खैरियत बताई। इसके बाद ड्यूटी ऑफिसर रूपेंद्र ने भी ऐसी किसी घटना से साफ इनकार कर दिया। थाना अधिकारी मनोज सोनी ने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा। पुलिस उपाधीक्षक रामेश्वर परिहार ने थोड़ी देर में जानकारी देने को कहा। लेकिन बाद में रामेश्वर का फोन स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद मामले की जानकारी के लिए अजमेर स्थित पुलिस अधीक्षक पूजा हवाना को फोन किया गया। इसके बाद मामले की जानकारी मिल सकी। उल्लेखनीय की यह पहला मामला नहीं है जब जीआरपी ने किसी मामले को छुपाने की कोशिश की हो। लगभग हर मामले में जीआरपी का यही रवैया रहता है। कई बार मामूली घटनाओं के लिए भी डिप्टी और एसपी को फोन करना पड़ता है।
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