Indian Railways : आग का गोला बनने से बची कोटा-पटना, चिंगारी दिखने के बाद किया खड़ा, 5 दिन में दूसरी घटना

कोटा-पटना ट्रेन सोमवार को दौड़ता का गोला बनने से बाल-बाल बच गई। चिंगारी और धुआं नजर आने पर ट्रेन को कोटा में ही खड़ा कर लिया गया। बाद में धुंए और चिंगारी बुझाकर ट्रेन को पटना के लिए रवाना किया गया। इस घटना के चलते ट्रेन करीब 40 मिनट कोटा में ही खड़ी रही। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। ट्रेन में आग की 5 दिन में यह दूसरी घटना है।
सूत्रों ने बताया कि ट्रेन कोटा से अपने ठीक समय शाम 6:10 बजे रवाना हुई थी। रवाना होने के 3-4 मिनट बाद ही प्लेटफार्म नंबर दो के एंड पर बी केबिन के पास ड्यूटी पर मौजूद कैरिज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों को इंजन और जनरेटर पावर कार के बीच धुंआ और चिंगारी निकलती नजर आई। इस पर कर्मचारियों ने वॉकी टॉकी पर तुरंत चालक को ट्रेन रोकने को कहा। सूचना मिलते ही चालक ने तुरंत ब्रेक लगा दिए। ब्रेक लगते ही धीमी रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन मौके पर ही खड़ी हो गई। इसके बाद कर्मचारियों ने देखा कि बिजली के एक उपकरण में स्पार्किंग हो रही है। इस स्पार्किंग के चलते उपकरण से चिंगारी और धुआं निकल रहा। इसके बाद कर्मचारियों ने तुरंत इंजन से विद्युत सप्लाई को बंद कराया। सूचना मिलने पर ट्रेन लाइटिंग स्टाफ ने दो अग्निशमन यंत्रों की मदद से चिंगारी और धुआं पर काबू पाया।
मौके पर पहुंचे अधिकारी। 
सूचना मिलने पर मंडल कार्यालय में बैठे अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों को निर्देश पर कोचों में विद्युत सप्लाई बंद करवाई। इसके बाद ट्रेन में लगे जनरेटर पावर कार के जरिए कोचों में विद्युत सप्लाई शुरू की गई। इस घटना के चलते ट्रेन मौके पर करीब 40 मिनट खड़ी रही। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारी भी सवाई माधोपुर तक ट्रेन में रवाना हुए।
बड़ी घटना टली। 
सूत्रों ने बताया कि समय रहते मामले का पता चलने पर बड़ी घटना टल गई। अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। 130 किलोमीटर प्रति घंटा से दौड़ती ट्रेन आग के गोले में भी तब्दील हो सकती थी।
होटो लोड कपलर से निकली चिंगारी। 
उल्लेखनीय है कि एलएचबी कोचों में विद्युत सप्लाई ट्रेन संचालन के लिए लगे बिजली के तारों (ओएचई) के माध्यम से होती है। कोटा-पटना ट्रेन में भी ओएचई के विद्युत सप्लाई हो रही थी। ओएचई से बिजली पैंटोग्राफ की मदद से पहले इंजन में जाती है। फिर पावर कार के जरिए कोचों में सप्लाई होती है। कोचों में बिजली सप्लाई के लिए इंजन और पावर कार को होटो लोड कपलर के माध्यम से जोड़ा जाता है।
सूत्रों ने बताया कि कोटा में ट्रेन खड़ी रहने के दौरान करीब 45 मिनट पहले ही इस होटो लोड कपलर को जोड़ा गया था।
जोड़ते समय कपलर में कुछ नहीं हुआ। ट्रेन रवाना होती ही इस कपलर से धुंआ और चिंगारी निकलने लगी। लगातार चिंगारी निकलने से कपलर पिघल गया।
कारणों का नहीं चला पता। 
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल कपलर से चिंगारी और धुंआ निकलने के कारणों का पता नहीं चल सका है। जांच के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी। हालांकि प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट को इस घटना का कारण माना जा रहा है। कपलर में भी बिजली के तारों की केबल लगी हुई थी।
5 दिन में दूसरी घटना।
उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल में 5 दिन में यह दूसरी घटना है। इससे पहले मोतीपुरा स्टेशन पर रेल संरक्षा आयुक्त की निरीक्षण ट्रेन में शामिल एक वातानुकूलित निरीक्षण यान में आग लग गई थी। यह निरीक्षण यान कोटा मंडल का ही था। गनीमत रही की इस घटना के समय कोच में कोई नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था। पांच दिन बाद भी इस घटना की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है।