Indian Railways : अजय पाल का एक और कारनामा रेलवे को हर महीने लग रहा एक लाख का चूना

Indian Railways : अजय पाल का एक और कारनामा, रेलवे को हर महीने लग रहा

एक लाख का चूना

Kota Rail News : रिश्वत लेते पकड़े गए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल का एक और कारनामा सामने आया है। अजय पाल के कारण रेलवे को हर महीने करीब एक लाख रुपए का चूना लग रहा हैं। मामले में खास बात यह है कि जानकारी होने के बाद भी प्रशासन ने इस पर अब तक कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा।
कर्मचारियों ने बताया कि पहले कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस में सभी टीटीई केवल कोटा के ही कार्य करते थे।
लेकिन अजय पाल ने करीब 6 महीने पहले गंगापुर के तीन टीटीइयों की ड्यूटी भी जनशताब्दी में लगा दी। यह तीन टीटीई पहले गंगापुर से कोटा तक जनशताब्दी लेकर आते हैं। रात भर कोटा में रुकने के बाद यह टीटीई सुबह फिर से जनशताब्दी लेकर गंगापुर चले जाते हैं। गंगापुर से फिर दूसरे टीटीई जनशताब्दी लेकर निजामुद्दीन तक जाते हैं। निजामुद्दीन से यह टीटीई फिर गंगापुर तक जनशताब्दी लेकर आते हैं। इसके चलते इन तीन को रेलवे द्वारा रोजाना 240 प्रतिशत तक टीए दिया जा रहा है।
यानी रेलवे पहले कोटा के 7 टीटीइयों को 100 प्रतिशत टीए का भुगतान करती थी। वहीं अब तीन टीटीइयों को अलग-अलग 240 प्रतिशत तक टीए का भुगतान किया जा रहा है। यानी प्रत्येक टीटीई को 140 प्रतिशत अधिक टीए का भुगतान।
लग रहा है एक लाख का चूना
अजय पाल के इस निर्णय के कारण रेलवे को हर महीने करीब एक लाख रुपए का चूना लग रहा है।
अलग-अलग हिस्सों में ड्यूटी करने के कारण इन तीन टीटीइयों को रेलवे गंगापुर से कोटा और कोटा से गंगापुर के लिए 70-70 प्रतिशत और गंगापुर से निजामुद्दीन तक 100 प्रतिशत टीए का भुगतान कर रही है। यानी रोजाना 240 प्रतिशत टीए। यानी कोटा के मुकाबले 140 प्रतिशत अधिक हो रहा टीए का भुगतान। एक टीटीई का 100 प्रतिशत टीए करीब 800 रुपए बनता है। इस
हिसाब से तीन टीटीइयों का 140 प्रतिशत के हिसाब से हर महीने रेलवे को करीब एक लाख का नुकसान हो रहा है। जबकि वर्किंग में कोई अंतर नहीं आया है।
रेलवे यूनियन लगा चुकी है चोर चोर के नारे
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी संगठनों द्वारा अजय पाल के इस निर्णय का विरोध भी किया गया था। चेंबर में घुसकर संगठन के पदाधिकारी गंगापुर स्टाफ को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए अजय पाल के खिलाफ चोर चोर के नारे भी लगा चुके हैं।
जेल में बंद है अजय पाल
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को भरतपुर एसीबी ने अजय पाल को अपने ही कर्मचारी की चार्जशीट माफ करने की एवज में दलाल के जरिए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अजय फिलहाल कोटा सेंटर जेल में बंद है। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को है।