Indian Railways : मार्बल पाउडर को पुट्टी साबित करने में जुटा रेल प्रशासन, रिपोर्ट बदलने के लिए दबाव

Indian Railways : मार्बल पाउडर को पुट्टी साबित करने में जुटा रेल प्रशासन, रिपोर्ट

बदलने के लिए दबाव, करोड़ों का फिटकरी परिवहन घोटाला मामला

Kota Rail News : करोड़ों रुपए के एलम (फिटकरी) परिवहन घोटाला मामला उछलने पर रेल प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। प्रशासन किसी भी कीमत पर इस मामले को दबाए रखना चाहता है। इसके लिए प्रशासन अनुचित कदम उठाने से भी नहीं चुक रहा है। प्रशासन एलम पाउडर परिवहन वाली रिपोर्ट बदलवाने की कोशिशों में जी जान से जुटा हुआ है। इसके लिए प्रशासन रिपोर्ट बदलवाने के लिए माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन चाहता है कि रिपोर्ट में मार्बल पाउडर को पुट्टी बता दिया जाए।
पूरा नहीं हुआ मंसूबा
लेकिन मंडल प्रशासन का यह मंसूबा फिलहाल पूरा नहीं हो सका है। जांच की सुविधा नहीं होने की बात कहते हुए पर वर्कशॉप अधिकारियों ने मार्बल पाउडर को पुट्टी बताने से साफ मना कर दिया है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन मार्बल पाउडर को पुट्टी साबित करने की अपनी कोशिशों में जुटा हुआ है। लेकिन यह काम इतना आसान नजर नहीं आने पर प्रशासन की परेशानी बढ़ी हुई है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मांडलगढ़, कोटा और भरतपुर माल गोदाम से एलम पाउडर की जगह मार्बल पाउडर भेजे जाने का मामला सामने आया था। यह माल असम गुवाहाटी के लिए ट्रेनों के जरिए भेजा गया था।
गौरतलब है कि रेलवे में मार्बल पाउडर परिवहन का किराया एलम से ज्यादा है। किराया बचाने के लिए पार्टी ने मार्बल पाउडर को एलम पाउडर बता दिया।अधिकारियों ने भी अपनी आंखें बंद रखीं। इसके चलते ठेकेदार फर्म ने पिछले दो साल में कोटा, मांडलगढ़ और भरतपुर से एलम पाउडर की सैकड़ों गाड़ियां भेज दीं। इससे रेलवे को पिछले 2 साल में 100 करोड रुपए से अधिक का चूना लगने का अंदेशा है।
मंडल के कई अधिकारी दबी जुबान में खुद इस बात को कबूल भी कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन के गुस्से का शिकार होने से बचने के लिए कोई भी इस मामले में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
माल भेजना बंद
मामले में खास बात यह है कि इसका खुलासा होते ही पार्टी ने माल भेजना बंद कर दिया। मामला अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद रेलवे चल लेखा विभाग और विजिलेंस द्वारा भी इस घोटाले की जांच की जा रही है।
जांच के लिए पाउडर के सैंपल रेलवे वर्कशॉप भेजे गए थे। जांच के बाद वर्कशॉप इसे एलम पाउडर नहीं माना था। वर्कशॉप ने अपनी रिपोर्ट में इसे मार्बल पाउडर का अंश बताया था।
भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में जिम्मेदार
उल्लेखनीय है कि मामले में जिम्मेदार वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी ने अजय पाल को अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी से चार्जशीट माफ करने की एवज में दलाल के जरिए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते 31 मार्च को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।