भाजपा के मुख्यमंत्री का काम भी मुझे करना पड़ रहा है-अशोक गहलोत।

राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम सर्वसम्मति से करवाने की जिम्मेदारी अब राजनाथ सिंह की।

विधायक दल की बैठक में नेता का नाम वसुंधरा राजे प्रस्तावित करेंगी।

रेल और आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का नाम सबसे ऊपर।

भाजपा के मुख्यमंत्री का काम भी मुझे करना पड़ रहा है-अशोक गहलोत।
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भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजस्थान में मुख्यमंत्री का नाम सर्वसम्मति से तय करवाने की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी है। राष्ट्रीय नेतृत्व राजस्थान को कितनी गंभीरता से ले रहा है इसका अंदाजा राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाए जाने से लगता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा संगठन और केंद्र सरकार में राजनाथ सिंह का कद बहुत ऊंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजनाथ सिंह का बहुत आदर करते है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे जैसी वरिष्ठ नेता राजनीति में सक्रिय हैं इसलिए मुख्यमंत्री का नाम सर्वसम्मति से तय करना कठिन है। लेकिन पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पता है कि इस कठिन कार्य को राजनाथ सिंह ही कर सकते हैं। चूंकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विवाद की कोई आशंका नहीं है, इसलिए मनोहर लाल खट्टर और अर्जुन मुंडा को जिम्मेदारी दी गई है। राजस्थान की गंभीरता इन तीनों पर्यवेक्षकों की वरिष्ठता से भी लगाई जा सकती है। 8 दिसंबर को राजनाथ सिंह के नाम की घोषणा तब की गई जब 7 दिसंबर की रात को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से एक घंटे तक मुलाकात की। इस मुलाकात में नए मुख्यमंत्री को लेकर राजे ने अपनी राय प्रकट कर दी। भाजपा की राजनीति में राजनाथ सिंह को वसुंधरा राजे का मददगार माना जाता है। कई अवसरों पर राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे की पैरवी की है। लेकिन राजनाथ सिंह हमेशा भाजपा संगठन के प्रति वफादार रहे। 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब राजनाथ सिंह ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। मोदी को पीएम बनाने में भी राजनाथ सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मोदी के रास्ते में जो बाधाएं आई उन्हें राजनाथ सिंह ने ही हटाया। राजनाथ सिंह के अनुभव को देखते ुहए ही राजस्थान में पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में कोई विवाद न हो इसके लिए राजनाथ सिंह भाजपा विधायकों से पहले ही सर्वसम्मति करवा लेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में वसुंधरा राजे का नाम भी लिया जा रहा है, लेकिन भाजपा के सूत्रों का कहना है कि यदि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो फिर राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक नहीं बनाते। उम्मीद है कि 10 दिसम्बर तक राजनाथ सिंह जयपुर पहुंच जाएंगे और फिर विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा। हो सकता है कि विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव वसुंधरा राजे से रखवाया जाए ताकि विवाद की कोई आशंका न रहे । भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजनाथ सिंह को नए मुख्यमंत्री का नाम बता दिया है। सूत्रों की मानें तो मीडिया में जितने भी नाम चल रहे है उनमें सबसे ऊपर रेल और आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव का है।

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मुख्यमंत्री का काम:
विधानसभा चुनाव के नतीजों आव के 6 दिन गुजर जाने के बाद भी भाजपा सरकार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाने पर कांग्रेस सरकार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यदि इतना विलम्ब कांग्रेस में होता तो अब तक भाजपा के नेता आसमान उठा लेते। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुख्यमंत्री नहीं बनने के कारण उन्हें ही भाजपा के मुख्यमंत्री का काम करना पड़ रहा है। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्याकांड की जांच एनआईए से करवाने के लिए उन्होंने केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है जबकि यह पत्र भाजपा के मुख्यमंत्री को लिखना चाहिए था। गहलोत ने कहा कि आव में हार के बाद उन्होंने तो अपना इस्तीफा दे दिया लेकिन राज्यपाल के कहने पर अभी भी मुख्यमंत्री का दायित्व निभा रहा हूँ।

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Report By S.P.MITTAL