सभी अधिकारी पेयजल आपूर्ति की राऊंड द क्लॉक मॉनिटरिंग करे-अतिरिक्त मुख्य सचिव

गर्मियों में पेयजल प्रबंधन पर वीसी
सभी अधिकारी पेयजल आपूर्ति की राऊंड द क्लॉक मॉनिटरिंग करे-अतिरिक्त मुख्य सचिव
जयपुर, 08 मई। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने सभी जिलों में अधिकारियों को अपने मुख्यालय पर उपस्थित रहते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रें में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की राऊंड द क्लॉक मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गर्मी के बढ़ते प्रभाव एवं कोविड-19 की स्थितियों को देखते हुए आगामी दो माह चुनौतीपूर्ण है, इसमें अधिकारी अपने जिलों में सम्भावित स्थिति का पहले से आंकलन करते हुए आवश्यक तैयारी रखे और सभी ऎहतियाति कदम उठाएं।
श्री पंत शनिवार को शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से प्रदेश में गर्मियों के पेयजल प्रबंधन व्यवस्था के बारे में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कोविड के समय पूर्ण सावधानी बरतकर अधिकारियों की फील्ड में सतत उपस्थिति एवं सक्रियता से ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लोगों को समय पर राहत देने पर बल दिया।
एसीएस ने कहा कि सभी अधिकारी अपने अधीन कार्यरत अभियंताओं की मुख्यालय पर उपस्थिति सुनिश्चित करे एवं नियमित सुपरविजन करे। सभी क्षेतर््ीय एवं जिला अधिकारियों को बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने के बारे में निर्देश जारी किए गए है, कहीं भी इस सम्बंध में कोताही पाई गई तो उसे गम्भीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को पेयजल आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए सभी अधिकारी अलर्ट मोड में रहते हुए जनता की शिकायतों और समस्याओं पर तत्काल एक्शन लें।

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श्री पंत ने कहा कि जिलों में चल रहे कंटीजेंसी के कार्य समय पर पूरे हो ताकि लोगों को गर्मी के मौसम में ही उनका फायदा मिले। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने जिलों में जल परिवहन और कंटीजेंसी कायोर्ं के लिए स्वीकृत राशि के विरूद्ध व्यय का आंकलन करे, कहीं भी और अधिक राशि की जरूरत हो तो इसके प्रस्ताव जिला कलक्टर के माध्यम से भिजवाए जा सकते हैं। राज्य स्तर पर इसकी समीक्षा कर आवश्यक स्वीकृतियां जारी कर दी जाएगी।
एसीएस ने अवैध  कनैक्शन के खिलाफ संचालित अभियान की प्रगति के बारे में भी अधिकारियों से फीडबैक लिया तथा अवैध रूप से बूस्टर का इस्तेमाल कर टेल एंड के लोगों की सप्लाई बाधित करने वालों के खिलाफ भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके अलावा अधिकारियों को पेयजल की गुणवत्ता पर फोकस करने, स्वीकृत हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल की कमिश्निंग समय पर करने और बकाया विद्युत कनैक्शन के प्रकरणों का निस्तारण करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में कंटीजेंसी प्लान के कायोर्ं, हैंडपम्प मरम्मत अभियान, जल परिवहन, नए ट्यूबवैल एवं हैंडपम्प की कमिश्निंग आदि की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष में गत एक अप्रैल से आरम्भ हुए 45वें हैंडपम्प मरम्मत अभियान के तहत अब तक शहरी क्षेत्रें में 2877 तथा ग्रामीण क्षेत्रें में 17018 हैंड पम्पों की मरम्मत का कार्य किया गया है। इसके साथ 1822 नए हैंडपम्प तथा 1259 ट्यूबवैल स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश में लोगों की आवश्यकता के अनुसार वर्तमान में शहरी क्षेत्रें में 25 कस्बों में 345 टैंकरों से 2334 ट्रिप प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रें में 1111 गांवों और 918 ढाणियों में 503 टैंकरों से 2288 ट्रिप प्रतिदिन के आधार पर जल परिवहन किया जा रहा है।
वीसी से मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री महेश जांगिड़ के अलावा क्षेतर््ीय मुख्यालयों से अतिरिक्त मुख्य अभियंता और जिला मुख्यालयों से अधीक्षण अभियंता भी जुड़े।
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