जल जीवन मिशन के कायोर्ं में टाइमलाइन पर फोकस करे – जलदाय मंत्री

जलदाय विभाग की समीक्षा बैठक
जल जीवन मिशन के कायोर्ं में टाइमलाइन पर फोकस करे – जलदाय मंत्री
जयपुर, 15 जून। जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत डीपीआर तैयार करने से लेकर गांवों में लोगों को ‘हर घर नल कनैक्शन‘ के माध्यम से स्वच्छ पेयजल करने तक के सभी कायोर्ं को समयबद्ध रूप से सम्पादित करने के निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में जेजेएम के लक्ष्यों को पूरा कर सभी घरों में नल से जल कनैक्शन पहुंचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, सभी अधिकारी जनता को समय पर लाभान्वित करने के मिशन में ‘टीम भावना‘ के साथ जुटे।
डॉ. कल्ला मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन एवं गर्मियों में पेयजल प्रबंधन सहित विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जेजेएम के तहत प्रदेश के गांवों के लिए बाकी बची योजनाओं की स्वीकृति का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में विलम्ब होने पर ठेकेदारों के साथ-साथ सम्बंधित अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
डिजिटल माध्यम से हो आपत्तियों का निवारण
जलदाय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां, निविदाएं और कार्यादेश जारी करने का काम विभाग के स्तर निर्धारित टाइमलाइन की पालना करते हुए पूरा करे। इस दौरान सक्षम स्तर से स्वीकृति से पहले तकनीकी त्रुटियों और डिजाइन के बारे में किसी प्रकार की आपत्तियां हो तो उनको एक साथ चिन्हित करे और डिजिटल माध्यम से ही उनके निराकरण की कार्यवाही तत्परता से करे। उन्होंने कहा जेजेएम के तहत बनाई जानी वाली योजनाओं की पूर्णता अवधि को 18, 21 और 24 माह की रेंज में हो, जिससे सभी योजनाएं वर्ष 2024 की तय समय सीमा में पूरी हो सके। उन्होंने इसके लिए आवश्यकता अनुसार विभाग की पुरानी गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए जेजेएम के कायोर्ं के लिए रिवाइज्ड टाइमलाइन के आदेश जारी करने के भी निर्देश दिए।
गुणवत्ता जांच के लिए फील्ड विजिट
डॉ. कल्ला ने कहा कि जेजेएम के कायोर्ं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक के अधिकारियों को निर्धारित नार्म्स के अनुसार फील्ड विजिट करते हुए मैटेरियल की जांच करते हुए सभी कायोर्ं की सघन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से जहां टेंडर के बाद दरे नीचे आई है, उन स्थानों पर कायोर्ं की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने सभी योजनाओं में पेयजल की गुणवत्ता जांच के लिए प्रयोगशालाओं को गतिशील करने के निर्देश दिए।
समर कंटीजेंसी प्लान की समीक्षा
जलदाय मंत्री ने वीसी में प्रदेश में गर्मियों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रबंधन के लिए कंटीजेंसी प्लान के कायोर्ं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गर्मी के शेष बचे दिनों के लिए किसी भी जिले में जल परिवहन एवं अन्य कायोर्ं के लिए और अधिक राशि की आवश्यकता हो तो उसके प्रस्ताव तैयार करके भेजे जाए। उन्होंने समीक्षा के दौरान कई जिलों में गर्मियों के लिए स्वीकृत ट्यूबवेल और हैंडपम्प खुदाई के काम समय पर नहीं शुरू नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए जिलेवार का कंटीजेंसी प्लान के कायोर्ं की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मंत्रालयिक एवं तकनीकी संवर्ग की डीपीसी जल्द करे
वीसी में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने जल जीवन मिशन के तहत सभी रीजन के कायोर्ं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में जिला एवं रीजन कायोर्ं में मंत्रालयिक तथा तकनीकी संवर्ग के कार्मिकों की पदोन्नति के बकाया प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण करते हुए सभी पात्र कर्मचारियों को समय पर परिलाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जेजेएम के तहत प्रदेश में अब तक स्वीकृत परियोजनाओं के मुकाबले तकनीकी स्वीकृतियों का 88 प्रतिशत तथा निविदाएं जारी करने का 68 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया। उन्होंने इस माह के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक के लिए अधिकारियों को जिलों में शेष ग्रामीण पेयजल योजनाओं के प्रस्ताव 20 जून तक आवश्यक रूप से भेजने के निर्देश दिए।
तकनीकी स्वीकृतियों का काम अंतिम चरण में
वीसी में जेजेएम के मिशन निदेशक तथा मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रदेश में एसएलएसएससी की बैठकों में पूर्व में 9101 गांवों के लिए मंजूर पेयजल योजनाओं की तुलना में अब तक 8035 गांवों की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 6109 गांवों की निविदाएं जारी की गई है। प्रदेष के 15 जिलों जयपुर, चुरू, बूंदी, बारां, दौसा, झुंझुनू, बांसवाड़ा, टोंक, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, सीकर, अलवर, भीलवाड़ा, जालौर एवं राजसमंद में लगभग  सभी तकनीकी स्वीकृतियां जारी कर दी गई है। तकनीकी स्वीकृतियों और निविदाओं के बाद 1527 गांवों के कायोर्ं के लिए कार्यादेष जारी कर दिए गए है और 1063 गांवों में मौके पर ‘हर घर नल कनैक्षन‘ का कार्य आरम्भ हो चुका है। इसी प्रकार मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में अब तक 2716 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां और 1550 गांवों की निविदाएं जारी की गई है।
वीसी से मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) श्री आरसी मिश्रा, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दलीप कुमार गौड़, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता-जोधपुर श्री नीरज माथुर, मुख्य अभियंता-नागौर श्री दिनेश गोयल, मुख्य लेखाधिकारी श्री ललित वर्मा और अतिरिक्त मुख्य अभियंता-ग्रामीण श्री महेश जांगिड़ सहित प्रदेश के सभी रीजन एवं जिलों से अतिरिक्त मुख्य अभियंता तथा अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी जुड़े।