रीपा में केवल सीधी भर्ती से ही प्रोफेसर भर्ती का है प्रावधान

रीपा में केवल सीधी भर्ती से ही प्रोफेसर भर्ती का है प्रावधान
जयपुर, 4 अगस्त। हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (रीपा) ने स्पष्ट किया है कि प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार रीपा में केवल सीधी भर्ती से ही प्रोफेसर पद पर भर्ती का प्रावधान है।
रीपा में भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही वर्ष 2019 में प्रारम्भ की गई थी जिस पर कार्मिक विभाग से 2 दिसम्बर 2019  एवं वित्त विभाग से 31 दिसम्बर 2019 को सहमति प्राप्त होने पर संशोधित प्रारूप जून 2020 में मंत्रीमण्डल विभाग को प्रेषित कर दिये गये थे। पत्रावली कार्मिक विभाग के माध्यम से नवम्बर 2020 में सीनियर प्रोफेसर का पद सृजित करवाने के संबंध में परीक्षणार्थ हरिशचन्द्र माथुर,संस्थान लोक प्रशासन रीपा को प्राप्त हुई।
संस्थान ने यह भी स्पष्ट किया है कि रीपा में प्रोफेसर पद का अधिकतम वेतनमान ग्रेड पे 8700 रुपये में सृजित है, जबकि राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद का वेतनमान ग्रेड पे 10000 रुपये में है। इस प्रकार ग्रेड पे में भिन्नता को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों  में ग्रेड पे 10000 रुपये पर सीनियर प्रोफेसर के पद के समान रखते हुए तथा ह.च.मा. रीपा में कार्यरत दो प्रोफेसर जिनमें एक प्रोफेसर इसी पद पर लगभग 29 वर्ष (19 वर्ष प्रोफेसर के पद पर एवं 10 वर्ष एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर) एवं दूसरे प्रोफेसर की 22 वर्ष (ह.च.मा. रीपा में 9 वर्ष एवं राजकीय महाविद्यालय अजमेर में 13 वर्ष) की सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए ह.च.मा. रीपा में सीनियर प्रोफेसर के दो पद कार्मिक विभाग के निर्देशानुसार सृजित करने हेतु प्रस्ताव ह.च.मा. रीपा द्वारा वित्त विभाग को जुलाई 2021 में प्रेषित किये गये हैं।

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ओ.टी.एस. में ऎसा कोई नियम नहीं है कि 9 वर्ष में तीन प्रमोशन मिल जाये

उल्लेखनीय है कि ह.च.मा. रीपा में टीचिंग फैकल्टी के प्रमोशन नियम नहीं होने के कारण विभागीय प्रमोशन नहीं हो पा रहा है इसलिए नियमों में संशोधन वर्ष 2019 में प्रस्तावित किये गये थे जबकि राजस्थान विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर बनने के लिए मात्र 5 वर्ष का अनुभव आवश्यक है।
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