कश्मीर के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा नेट बंद: दूसरे राज्यों में उपद्रवियों को काबू करने के लिए नेटबंदी, प्रदेश में हर परीक्षा में यह फैसला

कश्मीर के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा नेट बंद: दूसरे राज्यों में उपद्रवियों को काबू करने के लिए नेटबंदी, प्रदेश में हर परीक्षा में यह फैसला

जयपुर।
देश के अन्य राज्यों में आतंकी घटनाओं या उपद्रव के बाद अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट को बंद करवाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अति-आवश्यक परिस्थितियों में नेट बंदी के आदेश दे रखे है, लेकिन राजस्थान में कोई भी छोटा हो या बड़ा एग्जाम हो, नेटबंद कराना सरकारों और प्रशासन ने अधिकार समझ लिया है। पिछले 32 दिनों में 3 बड़े एग्जाम (रीट 2021, पटवारी और RAS) में 4 बार नेट बंद कर दिया गया। नकल रोकने में विफल सरकार के पास इसके अलावा कोई हथियार नहीं बचा है। दैनिक भास्कर ने लगातार हो रही नेटबंदी के बाद पड़ताल की तो सामने आया कि इस मामले में राजस्थान का जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरा नंबर है।

राजस्थान में पिछले 10 सालों में 78 बार इंटरनेट बंद किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर संवेदनशील इलाका है, वहां आतंकी घटनाएं होने पर नेट बंद होना आम बात है, लेकिन चिंता की बात है कि राजस्थान में कोई भी परीक्षा कराने के लिए सरकार को इंटरनेट बंद करवाना पड़ता है। इसके बावजूद 3 परीक्षाओं में नकल गैंग के करीब 70 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं। नीट, रीट और एसआई भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक और नकल गिरोह के कारण विवादों में आई।

रीट से लेकर पटवारी भर्ती परीक्षा में नकल गिरोह पकड़े गए। 70 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई। हर बार पकड़ में आए गिरोह और भी ज्यादा हाईटेक तरीके अपनाते दिखे। सरकार केवल नेटबंदी पर ही निर्भर रही, जबकि इससे सैकड़ों करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ।

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बार-बार परीक्षा में इंटरनेट बंद

सरकार ने इंटरनेट बंदी को लेकर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बीते 32 दिनों में देखें तो परीक्षा के लिए 5 दिन इंटरनेट बंद किया। रीट परीक्षा में 26 सितंबर को नेटबंदी की गई। इसके बाद 23 व 24 अक्टूबर को भी पटवारी परीक्षा में इंटरनेट बंद कर दिया गया। अब 27 अक्टूबर को आरएएस-प्री एग्जाम में भी इंटरनेट बंद कर दिया गया। परीक्षाओं में नकल गिरोह रोकना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। बड़ा सवाल है कि इंटरनेट बंद करने के बाद भी नकल को रोकना मुश्किल हो रहा है। इससे पहले भी हुई परीक्षाओं में और सांप्रदायिक दंगों में इंटरनेट बंद हो चुका है।

परीक्षा से पहले अन्य राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

राजस्थान के अलावा पूरे देश में सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं होती हैं, लेकिन राजस्थान में ही केवल परीक्षा के दिन इंटरनेट बंद कराया जाता है। अन्य राज्यों में दंगों, सांप्रदायिक हिंसा होने पर ही इंटरनेट बंद कराया जाता है। अन्य राज्यों में परीक्षा से पहले सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया जाता है। परीक्षा सेंटर पर पहले से ही पुलिसकर्मियों को लगाया जाता है। नकल करते हुए पकड़े जाने पर सख्त सजा दी जाती है।

परीक्षा में नकल पर क्या कहता है नियम

राजस्थान पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 1992 की धारा 3,4,5,6 और आईपीसी की धारा 420, 120 बी में एफआईआर दर्ज की जाती है। नकल में अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है तो पुलिस आईअी एक्ट की धाराओं को जोड़ देती है। आईटी एक्ट में तीन साल के कारावास और एक लाख रुपए के जुर्माने तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही धारा 3 के अपराध में 3 साल के कारावास और 2 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं धारा 4, 5 के तहत अपराध पाए जाने पर अधिकतम 7 साल के कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा है। धोखाधड़ी के आरोप में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान होता है।

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एक्सपर्ट व्यू : परीक्षा का पैटर्न चेंज करें

रिटायर्ड पुलिस अधिकारी उम्मेद सिंह ने बताया कि परीक्षाओं में इंटरनेट बंद करना कोई सॉल्यूशन नहीं है। नकल को रोकने के लिए हैवी एंटीबायोटिक दे रहे हैं। नकल गिरोह को रोकने के लिए अब परीक्षा का पैटर्न चेंज करना होगा। पेपर बनाने से लेकर सेंटर तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। अब परीक्षा का पैटर्न डी-कोड हो रहा है। परीक्षाओं को एक साथ कराना गलत है। सेंटर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ले जाने से रोकने के लिए हाईटेक डिटेक्टर भी लगा सकते है।

सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट पर लगाई थी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने भी इंटरनेट बंदी पर जम्मू कश्मीर से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि आज के समय में इंटरनेट लोगों के मौलिक अधिकारों में शामिल हो गया है। इंटरनेट को बिना किसी वजह के बंद नहीं किया जा सकता है। नेट बंद होने से डेबिट, क्रेडिट कार्ड भुगतान सिस्टम, ई वॉलेट ट्रांजेक्शन, मूवी टिकट बुकिंग, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन टैक्सी सर्विस, ऑनलाइन होम डिलवरी, ऑनलाइन फूड ऑर्डर, पानी-बिजली आदि के बिल, ऑनलाइन शॉपिंग, होटल बुकिंग, फ्लाइट बुकिंग, रेल यात्रा बुकिंग,

कार्ड स्वाइप मशीन, ऑनलाइन मॉन्यूमेंट बुकिंग, मनी ट्रांसफर समेत अन्य सेवाओं में दिक्कत होती है। इससे करोड़ों रुपए से अरबों रुपए का कारोबार भी प्रभावित होता है।