Rajasthan : विधानसभा का घेराव न हो इसके लिए गहलोत सरकार ने आधी रात को सरपंचों के साथ समझौता किया।

Rajasthan : विधानसभा का घेराव न हो इसके लिए गहलोत सरकार ने आधी रात को

सरपंचों के साथ समझौता किया।

मंत्री रमेश मीणा ने 15 दिनों में समझौते की क्रियान्विति का वादा किया।
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राजस्थान भर के सरपंचों ने 22 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का आह्वान किया था। इसके लिए 21 मार्च को ही दूर दराज से सरपंच जयपुर पहुंचना शुरू हो गए थे। सरपंचों के आने की गति को देखते हुए सरकार ने 21 मार्च को ही राजस्थान सरपंच संघ के प्रतिनिधियों को समझौते के लिए आमंत्रित कर लिया। 21 मार्च को रात 11 बजे दोनों पक्षों में समझौता हो गया। जब सरपंचों ने समझौते की क्रियान्विति का भरोसा चाहा तो पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने वादा किया कि आगामी 15 दिनों में समझौते की क्रियान्विति हो जाएगी।
मीणा ने कहा कि मैं उन मंत्रियों में शामिल नहीं हंू, जो अपने वादे से मुकर जाते हैं। मैंने यदि इस समझौते पर सहमति जताई है तो उसकी क्रियान्विति भी करवाउंगा। समझौता वार्ता में सरपंच संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष रोशन अली, संयोजक महेंद्र सिंह मझेवला, महामंत्री शक्ति सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल आदि शामिल रहे।
राज्य वित्त आयोग द्वारा दी जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी, पंचायतीराज विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती, ई-पंचायत के माध्यम से जारी होने वाली समस्त स्वीकृतियों पर ग्राम सेवक, सरपंच के भी ई-हस्ताक्षर किए जाने, कोविड स्वास्थ्य सेवकों को दी जाने वाली मानदेय राशि का भुगतान करने, प्रचलित रास्तों में सड़क निर्माण करने, दस परिवारों के आवास पर हैंडपंप लगाने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के चयन प्रक्रिया में संशोधन करने, राजस्व विभाग की भूमि में से निजी खातेदारों को भूमि के बदले भूमि देने आदि पर सहमति बनी है।