प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र भरतपुर में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में

प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र भरतपुर में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है
राजकीय मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध संभाग के सबसे बड़े RBM अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह दम तोड़ती नज़र आ रही है… अस्पताल के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि ट्रॉमा वार्ड में भी मेडिकल स्टाफ अपनी जिम्मेदारियों निभाने से बच रहा है और यही कारण है कि देर रात्रि दुर्घटना में घायल युवक के परिजन जब उसे लेकर आरबीएम अस्पतल पहुंचे तो वहां उन्हें स्टेचर उपलभ्ध नहीं हुआ जिसके कारण मरीज के परिजनों ने ऑटो रिक्शा से ही घायल मरीज को इमरजेंसी वार्ड के अंदर तक पहुँचाया। इतना ही नहीं अस्पताल की लापरवाही के कारण एक अन्य मरीज को तो निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दरअसल बसेड़ी के पिपरियाबास निवासी रवि और उसका जीजा भोला दोनों भरतपुर से मजदूरी करके अपने घर वापस लौट रहे थे। तभी बछामदी के पास एक कार से बाइक टकरा गई। जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों को परिजन  ऑटो से आरबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे ।जहां स्टेचर ना मिलने की वजह से उन्होंने ऑटो को ही इमरजेंसी वार्ड के अंदर तक पहुंचा दिया लेकिन एक मरीज की हालत गंभीर होने पर अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने मरीज के परिजन को कहा कि इसे निजी अस्पताल में लेकर जाऒ। इसका इलाज यहां नहीं होगा। जिसके बाद में मरीज के परिजनों ने भोला को निजी अस्पताल में भर्ती कराया और रवि का आरबीएम अस्पताल में इलाज जारी है जिसके चलते अस्पताल की लापरवाही का खामियाजा मरीज के परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।
ऐसा नहीं है कि ये अस्पताल की अव्यवस्थाओं का पहला मामला हो आरबीएम अस्पताल में आए दिन ऐसे हालात देखने को मिलते हैं। जबकि संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण लोग यहां अच्छी सुविधाएं मिलेंगी ये सोचकर इलाज कराने आते हैं। लेकिन यहां आने के बाद लोगों को पता चलता है कि आरबीएम अस्पताल की तो हालात बद से बदतर होती जा रही है।