SawaiMadhopur : 10 लाख रूपये से अधिक का निर्माण कार्य करवा रहे है, तो श्रम विभाग को दे सूचना

SawaiMadhopur : 10 लाख रूपये से अधिक का निर्माण कार्य करवा रहे है, तो श्रम विभाग को दे सूचना

सवाई माधाोपुर, । यदि आप मकान या अन्य कोई निर्माण कार्य करा रहे हैं, जिसकी लागत दस लाख रूपये से अधिक है, तो इसकी सूचना निर्माण कार्य शुरू होने के एक महीने की अवधि में श्रम विभाग को अवश्य दें। यदि ऐसा नहीं करते हैं, तो यह भूल आप पर भारी पडेगी। इस स्थिति में तीन महीने की सजा अथवा दो हजार रूपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही इसकी अनुमानित लागत का एक प्रतिशत श्रम उपकर भी विभाग में जमा कराया होगा। विभाग ने इस नियम पर सख्ती से अमल करना शुरू कर दिया है। शहर के साथ ही जिलेभर में राजकीय कार्य एवं निजी सभी प्रकार के निर्माण कार्य चल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार सरकारी निर्माण कार्याे की सूचना तो विभाग को मिल जाती है। लेकिन अधिकतर मामलों में दस लाख से अधिक लागत के निजी आवास या अन्य निर्माण कार्यों की जानकारी नहीं मिल पाती है, क्योंकि संबंधित व्यक्ति इससे विभाग को अवगत नहीं कराते हैं। जबकि भवन एवं संनिर्माण श्रमिक अधिनियम में नियम है कि निर्माण कार्य शुरू करने के एक महीने में संबंधित व्यक्ति को विभाग में पंजीयन कराना होता है, साथ ही निर्माण कार्य के विवरण के साथ ही नियोजित श्रमिकों की संख्या आदि का पूरा विवरण देना होता है। ऐसा नहीं करने पर सजा व जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। लेकिन लम्बे समय से निर्माणकर्ता निर्माण कार्यों की सूचना ना देकर इस नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में श्रम निरीक्षकों को जगह-जगह जाकर निर्माण कार्यों को चिन्हित करना पड रहा है। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर अब स्थानीय अधिकारियों ने इस नियम की पालना सुनिश्चित कराने के लिए सख्ती की है।
जिला प्रबन्धक कार्यालय के सहायक श्रम आयुक्त मनोज कुमार नागरवाल ने बताया कि निर्माण कार्य की सूचना नहीं देता है तो निर्माण कार्य पूर्ण होने की तिथि से हर महीने निर्माण की अनुमानित लागत के एक प्रतिशत श्रम उपकर पर दो प्रतिशत ब्याज देय होता है। वह श्रम उपकर के बराबर ही पेनल्टी भी लगा सकते हैं। उपकर वसूली हेतु सवाई माधोपुर में होटलों को नोटिस जारी किए गए है। यदि इसके बाद भी संबंधित व्यक्ति श्रम उपकर जमा नहीं कराता है तो भू-राजस्व अधिनियम (लैंड रेवेन्यू एक्ट) के तहत कार्यवाही की जावेगी। उपकर से एकत्रित राशि श्रमिक कल्याण कोष में जमा होती है, जो निर्माण श्रमिकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च होती है।