बच्चों के संबंध में जागरूकता के साथ पूरी सतर्कता बरती जाएं – कलेक्टर

बच्चों के संबंध में जागरूकता के साथ पूरी सतर्कता बरती जाएं – कलक्टर
कलक्टर ने जूम वीसी के माध्यम से प्रशासन, चिकित्सा, शिक्षा एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
सवाई माधोपुर, 24 मई। जिला कलक्टर राजेन्द्र किशन ने कहा कि विशेषज्ञों एवं मीडिया के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित हो सकते हैं ऐसे में सभी को संवेदनशील होकर समग्र रूप से प्रयास करते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पूर्व तैयारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष तक बच्चों में आईएलआई के लक्षण वाले बालकों को समय पर दवा किट उपलब्ध करवाई जाए तथा उनसे नियमित फीडबेक प्राप्त करें। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि इस संबंध में जागरूकता के साथ पूरी सतर्कता बरती जाए
कलक्टर राजेन्द्र किशन ने सोमवार को जूम वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से जिले के सीएमएचओ, पीएमओ, ब्लॉक सीएमएचओ, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं सीएचसी, पीएचसी के प्रभारियों से चर्चा करते हुए पूरी सावधानियां बरतने, डोर टू डोर किए जा रहे सर्वे को अनवरत रखने, आईएलआई के लक्षण वाले मरीजों को दवा किट उपलब्ध करवाने, उनसे लगातार फीडबेक लेने तथा पूरी सजगता बरतते हुए संक्रमण के प्रसार को रोकने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि सोमवार को जिले में कोरोना के एक्टिव केस केवल 538 रह गए है। इनमें से 23 केस 18 वर्ष से कम आयु के बालकों के है। उन्होंने बच्चों के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने तथा लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। सर्वे के दौरान बालकों में आईएलआई के अधिक संख्या में लक्षण दिखें तो तुरंत सूचना प्रशासन एवं उच्चाधिकारियों को दी जावे।
कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के तहत पूर्व कार्य योजना तैयार करने, आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं आईईसी के माध्यम से जागरूकता करने, सावधानियों के संबंध में लोगांे को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, विकास अधिकारी, बीसीएमओ सहित सभी कार्मिक संबंधित ब्लॉक की आवश्यकताओं, संसाधनों के साथ पूरी सजगता से कार्य करें। कलक्टर ने कहा कि अपने अपने क्षेत्र के कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की नियमित निगरानी, पोषण के संबंध में विशेष ध्यान दिया जाए। इसी क्रम में स्थानीय सरपंच, वार्डपंच सहित जनप्रतिनिधियों को समस्त बैठकों एवं कार्ययोजना में शामिल कर आमजन को जागरूक किया जाना चाहिए।
कलेक्टर ने बच्चों में कोरोना संक्रमण के संबंध में कहा कि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच करवाई जाए तथा उपचार शुरू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि डोर टू डोर सर्वे करने वाली टीम को गांवों में आईएलआई के लक्षण वाले अधिक लोग मिलते है तो तुरंत सूचना दी जाए। स्थानीय सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर कोविड के मरीजों के उपचार को शुरू किया जाए। कलेक्टर ने चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वाईपेप सहित ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन सिलंेडर सहित अन्स संसाधनों की उपलब्धता के बारे में फीडबेक लिया। उन्होंने कहा कि कोविड केस के सही होने के बाद पोस्ट कोविड के तहत ईएनटी विशेषज्ञों को भी दिखवा लिया जाए। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से भी फीडबेक लिया।
कलेक्टर ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से जिले में ब्लेक फंगस के संबंध में भी फीडबेक लिया। सीएमएचओ डॉ तेजराम मीना ने जानकारी दी कि जिले में ब्लेक फंगस का एक भी मरीज नोटिफाई नहीं हुआ है। उन्होंने ब्लेक फंगस के संबंध में जारी एडवाईजरी एवं उपचार के लिए चिन्हित अस्पतालों के बारे में बताया। कलेक्टर ने कहा कि किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। कलेक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि 8 जून तक लागू लॉकडाउन की गाइड लाइन का अक्षरशः पालन करवाया जाए। प्रभावी मॉनिटरिंग करें जिससे संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो। अस्पतालों में सफाई एवं नियमित सेनेटाईजेशन करवाया जाए। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के संबंध में प्रगति लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए आरसीएचओ को वैक्सीनेशन के संबंध में निर्देश दिए।
बैठक में एडीएम डॉ सूरज सिंह नेगी ने कहा कि एक्सपर्टस के अनुसार तीसरी लहर बच्चों को विशेषतः प्रभावित करेगी अतः घर-घर सर्वे करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के मोबाईल नंबर अपने पास रखें जिससे ऐसे बच्चों को टेªस कर उपचार दिया जा सके। जिले के समस्त एमटीसी को सुदृढ़ करते हुए वार्ड, आवश्यक चिकित्सा संसाधानों की व्यवस्था पूर्ण करें। जिला स्तर पर सरपंच का वाट्सऐप ग्रुप बनाया है इसी प्रकार प्रत्येक पंचायत समिति स्तर
सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना ने कहा कि तीसरी वेव के तहत पूर्व तैयारी करते हुए छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस रखना है जिले में अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चे, जिनकी ईम्यूनिटी कम होती है और इनमें संक्रमण की संभावना भी सबसे अधिक है अतः एएनएम व आशा के माध्यम से प्रत्येक बच्चे की मॉनिटरिंग की जाएगी। वीसी के दौरान एडीएम गंगापुर, समस्त उपखंड अधिकारी, बीसीएमओ ने वैक्सीनेशन को गति देने, सीएचसी पर एनआईसीयू विकसित करने, आईएलआई के लक्षण वाले को मेडिकल किट देनेे, घर-घर सर्वे जारी रखने, पीएचसी लेवल तक टास्क फोर्स की बैठक करने के संबंध में विचार रखे।