जून में स्थिति बेहतर होती जा रही है लेकिन टीकाकरण की रफ्तार नहीं बढाई तो नहीं पा सकेंगे कोरोना पर पूर्ण विजय

जून में स्थिति बेहतर होती जा रही है लेकिन टीकाकरण की रफ्तार नहीं बढाई तो नहीं पा सकेंगे कोरोना पर पूर्ण विजय
सवाई माधोपुर, 21 जून। सोमवार को 41 कोरोना सैम्पल की जॉंच में 1 भी पॉजिटिव नहीं मिला, इसके साथ ही 2 पॉजिटिव रिकवर भी हो गये, अब जिले में केवल 6 एक्टिव कोरोना केस हैं। बढते टीकाकरण, मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग को आदत बना लेने के कारण जिले में गत 1 माह से स्थिति लगातार सुधर रही है।
जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने इस स्थिति को सुखद बताते हुये सावधानी जारी रखने तथा टीकाकरण की रफ्तार बढाने की बात कही है। सोमवार को कलेक्ट्रेट में सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर कलेक्टर ने कोविड-19 टीकाकरण को मिशन मोड पर संचालित करने के निर्देश दिये ताकि 18 से अधिक आयु के सभी लोगों को जल्द से जल्द टीके लग जायें। उन्होंने बताया कि मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने जैसी सावधानी बरतने और शत प्रतिशत टीकाकरण से ही कोविड-19 का पूर्ण खात्मा होगा। कोविड-19 से बचाव के लिए शत प्रतिशत टीकाकरण करवाएं। कोई भी व्यक्ति टीकाकरण से बचा तो वह स्वयं और दूसरों के स्वास्थ्य को खतरे में डालेगा, इसके लिये सभी जनप्रतिनिधि, धार्मिक गुरू, सरकारी कार्मिक, पत्रकार, शिक्षाविद, एनजीओ, सामाजिक संगठन लोगों को जागरूक करे तथा लोगों में किसी भी प्रकार की भ्रांति हो तो दूर करें।
कलेक्टर ने बताया कि किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को टीका लगवाने के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं है, वह आधार कार्ड या परिचय पत्र लेकर टीकाकरण केन्द्र पर जाये, मौके पर ही रजिस्ट्रेशन हो जायेगा। जिले के किसी भी संेटर पर टीके की कोई कमी नहीं है, न ही भविष्य में कभी होगी क्योंकि जिस जिला या ब्लॉक में जितने टीके लगेंगे, तत्काल उतने ही टीके उसको उपलब्ध करवा दिये जायेंगे, 1 बार टीकाकरण में पिछडे तो लगातार पिछडते ही चले जायेंगे। राज्य सरकार ने कोविड टीकाकरण में अच्छा कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों में प्राथमिकता देने का निर्णय भी लिया है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि विभाग भी नोडल बनकर टीकाकरण केम्प लगवा सकते है।
कलेक्टर ने बताया कि हमारा लक्ष्य 20 हजार टीके प्रतिदिन लगाना है। यदि टीकाकरण की रफ्तार धीमी रही तो कोरोना से लडी जा रही जंग कमजोर रह जायेगी। कोवैक्सिन के टीके की दूसरी डोज पहली डोज से 28 दिन बाद तथा कोविशील्ड की दूसरी डोज 84 दिन बाद बिना विलम्ब लेनी है। देश-दुनिया के विख्यात चिकित्सकों ने यह गाइडलाइन तय की है, इस सम्बंध में किसी बहकावे में नहीं आये।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सभी सरकारी विभागों के कार्यालय अध्यक्ष सुनिश्चित कर लें कि उनके यहॉं कार्यरत सभी व्यक्तियों को पहली डोज लग चुकी है तथा निर्धारित अंतराल पर दूसरी डोज लगने की भी मॉनिटरिंग करें। कार्मिक के परिजनों को भी टीका लगवाना सुनिश्चित करें। यदि कार्मिक और परिजनों की संख्या अधिक है तो कार्यालय अथवा कॉलोनी में भी विशेष कैम्प आयोजित किये जा सकते हैं। इन कैम्पों में सामान्य टीकाकरण संेटर के समान प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग को मुख्य धुरी मानते हुये शिक्षा, पुलिस, पंचायती राज और महिला एवं बाल विकास पूरे मनोयोग से जुट जाये ंतो जिले में 18 साल से अधिक आयु केष्शत प्रतिशत लोगों का जल्द ही टीकाकरण हो सकता है क्योंकि इन पॉंचों विभागों में कार्मिकों की संख्या भी बहुत है, साथ ही ये विभाग लोगों से सीधे जुडे हुये हैं, प्रत्येक गांव, मौहल्लें में इनका प्रभाव, सम्पर्क है।
कलेक्टर ने बताया कि विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि सम्भावित तीसरी लहर बच्चों को चपेट में ले सकती है। बच्चों की वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं, इसलिये बच्चों को तो अभी वैक्सीन नहीं लग सकती लेकिन यदि 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों ने टीका लगवा लिया तो उनके साथ ही बच्चे भी इस सम्भावित लहर से बचे रह सकेंगे क्योंकि 18 साल से अधिक आयु के लोग संक्रमण नहीं फैलायेंगे, न ही कोरोना पीडित होकर स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव डालेंगे।
कलेक्टर ने बताया कि जून माह में अब तक जिले में 3257 कोरोना जॉंच की गई, इनमें से मात्र 36 पॉजिटिव आये हैं यानि जॉंच का 1 प्रतिशत, इस अवधि में 216 लोग यानि पॉजिटिव के 6 गुना रिकवर भी हो गये। अब जिला अस्पताल में 2 कोरोना पीडित भर्ती हैं तथा शेष 4 पॉजिटिव होम आइसोलेशन में हैं। ब्लॉकवार देखें तो गंगापुर में 3, सवाईमाधोपुर में 2 तथा बौंली में 1 पॉजिटिव है, बामनवास एवं खंडार ब्लॉक कोरोनामुक्त हो चुके हैं लेकिन इस स्थिति को बनाये रखने के लिये व्यापक टीककरण बहुत जरूरी है।
कलेक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि प्रत्येक गांव, वार्ड में सर्वे कर ऐसे बच्चों का सर्वे करें जिनके माता या पिता की कोविड-19 से मृत्यु हो गयी है और अब न तो मॉं का साया है, न ही पिता का।
इन बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रूपये का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढाई हजार रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रूपये एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। कोविड- 19 महामारी के कारण बेसहारा हुई कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज में पढ़ने वाले बेसहारा छात्रों को अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ मिलेगा। कोविड महामारी से प्रभावित निराश्रित युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी। इस महामारी के कारण अपने पति को खो चुकी विधवा महिलाओं को भी राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त एक लाख रूपये की सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी। साथ ही ऐसी विधवाओं को प्रतिमाह डेढ़ हजार रूपये विधवा पेंशन दी जाएगी। इसके लिये आयु वर्ग एवं आय की कोई भी सीमा नहीं होगी। इन विधवाओं के बच्चों को निर्वाह के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह तथा स्कूल ड्रेस एवं किताबों के लिए दो हजार रूपये सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा।