कैरियर इंस्टीट्यूट की दो अरब, 54 करोड़ की संपत्ति कुर्क – लखनऊ

निदेशक और उसके बेटे पर लगा गैंगस्टर
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने और गिरोह बनाकर अवैध संपत्तियां हासिल करने के मामले में वांछित कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हास्पिटल के निदेशक अजमत अली व उसके बेटे इकबाल की दो अरब 54 करोड़ 45 लाख दो हजार 951 रुपये की संपत्ति लखनऊ पुलिस ने कुर्क की है।
इस दौरान मड़ियांव, जानकीपुरम, अलीगंज सहित कई थानों की पुलिस व कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे। इकबाल पूर्व की सपा सरकार में राज्यमंत्री भी रहा है। दोनों ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर संगठित अपराध के तहत धन अर्जित किया था।

एसीपी अलीगंज अखिलेश सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के निर्देश पर गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत की गई। है। इस दौरान पुलिस ने आरोपितों की घैला स्थित कैरियर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड हास्पिटल का एकेडमिक ब्लाक, हास्पिटल ब्लाक, कैंपस, हास्टल, कैरियर पीजी इंस्टीट्यूट आफ डेंटल साइंस एंड हास्पिटल की सभी बिल्डिंग, रेजीडेंस हास्टल, गल्र्स हास्टल, मेस, डेंटल कालेज स्थित एसटीपी, ग्रामीण स्वास्थ प्रशिक्षण केंद्र मुतक्कीपुर, दो मंजिला अधूरा निर्माण, कैरियर कांवेंट कालेज तथा विभिन्न गांवों में ली गई जमीन की कुर्क की है। इसके अलावा अलग-अलग बैंकों में जमा कुल 77 लाख 35 हजार 530 रुपये भी जब्त किया गया है।

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एसीपी ने बताया कि सभी संपत्तियों की एक-एक सूची तैयार करते हुए संबंधित विभागवार बनाया गया। इसके बाद संबंधित विभाग को भी इस मामले की जानकारी दी गई। देर शाम तक करीब चार करोड़ से अधिक की लग्जरी गाड़ियों को मड़ियांव थाने पहुंचायी गई, जिनकी भी सूची बना ली गई और दोनों आरोपियों के परिजनों को रिसीव भी कराया गया है।

उन्होंने बताया कि दोनों की कुंडली खंगाली गई है। मड़ियांव इलाके के घैला गांव निवासी अजमत अली मध्यम परिवार का था। वर्ष 1988 में परिवार की जीविका चलाने के लिए उसने निषार अली नाम के व्यक्ति यहां मात्र बारह सौ रुपये प्रतिमाह की नौकरी की थी। जल्द एक बड़ा आदमी बनने की चाहत में उसने अपराध का रास्ता चून लिया। इसके बाद उसने एक गिरोह बनाया और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने लगा। इसमें उसने अपने बेटे को भी शामिल किया।

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आरोपित ने सबसे पहले शिवपुरी में एक छोटा सा स्कूल खोला था। इसके बाद वर्ष 1995 में कैरियर कांवेट एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया और सरकारी रास्ते व चकरोड पर कब्जा कर लिया। ट्रस्ट से कमाए गए रुपयों से वर्ष 1998 से 2000 के बीच अवैध रूप से कैरियर डेंटल कॉलेज बनवा दिया। वर्ष 2007 में कैरियर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड हास्पिटल की बिल्डिंग नेशनल हाइवे से मिलाकर बनाना शुरू कर दिया था। अजमत ने चकरोड और परती जमीन को अवैध रूप से ट्रस्ट में समाहित कर लिया था। इसके बाद उसी ट्रस्ट से दो अरब 54 करोड़ 45 लाख दो हजार 951 रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली।

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, अजमत के खिलाफ मड़ियांव थाने में पहला मुकदमा 2000 में मारपीट व एससीएसटी धारा में दर्ज हुआ था। इसके दस साल बाद हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ। धीरे-धीरे यह सिलसिला बढ़ता गया। अब उसके खिलाफ मड़ियांव थाने में ही आठ मुकदमें दर्ज है। उसके बेटे पर तीन मुकदमें हैं।