प्रमुख बंदरगाहों पर मनाई गई नेताजी की जयंती

सरकार के उद्देश्य के अनुरूप हमारे इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को विशिष्ट रूप से दर्शाने के लिए इस साल 23 जनवरी से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को शामिल कर गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत की गई है। पारादीप बंदरगाह के अधिकारियों ने अध्यक्ष श्री पी. एल. हरानाध के नेतृत्व में पारादीप बस स्टैंड के पास नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्री हरानाध ने जगतसिंहपुर में स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के घरों का दौरा किया। इनमें नुआपारा गांव के श्री माधबानन्द मनोहरी, इच्छापुर गांव के श्री भागीरथी स्वैन और अनल्ला गांव के श्री जोगेंद्र महाराणा के घर गए और उनका अभिनंदन किया। बातचीत के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों ने बताया कि कैसे उन्होंने किशोरावस्था में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और स्वतंत्रता मिलने के बाद राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया। श्री हरानाध ने उनके स्वस्थ जीवन की कामना की और युवा पीढ़ी से इन विद्यमान देशभक्तों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

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कांडला के दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। ट्वीट संदेश में पोर्ट ने उल्लेख किया कि नेताजी ने स्वतंत्र भारत -आजाद हिंद- के विचार के प्रति अपनी प्रखर प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए साहसिक और निर्भीक कदम उठाए, जिसने उन्हें एक राष्ट्रीय प्रतीक बनाया। कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट की ओर से नेताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और कहा गया कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें प्रेरणा देते रहेंगे।

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