भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण-एनएचएआई ने कोलकाता में क्षेत्रीय सम्मेलन के साथ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण-एनएचएआई की अध्यक्ष श्रीमती अलका उपाध्याय ने कोलकाता में क्षेत्रीय अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। जानकारी, उपलब्धियों और चुनौतियों को साझा करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों और पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और असम के क्षेत्रीय हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए यह अपनी तरह की अनूठी पहल है।

 

 

सम्मेलन में परियोजना की समीक्षा के अलावा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष के साथ क्षेत्रीय अधिकारियों और परियोजना निदेशकों की मुक्त और खुली चर्चा के लिए एक ‘ओपन हाउस’ सत्र का भी आयोजन किया गया। “एक पुल निर्माण के सर्वोत्तम तरीके” पर एक दूसरे की जानकारी का उपयोग करने के लिए एक सत्र भी आयोजित किया गया था।

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश के विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह के और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जो आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण करने और उत्सव मनाने के लिए भारत सरकार की पहल है।

एनएचएआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर सभी क्षेत्रों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। वर्ष के दौरान, एनएचएआई ने पूरे देश में कुल 6,306 किलोमीटर की परियोजनाएं प्रदान की हैं, जो पिछले तीन वर्षों में प्राधिकरण द्वारा प्रदान की गई सबसे अधिक लंबाई की सड़कें हैं। निर्माण में भी, एनएचएआई ने कुल 4,325 किलोमीटर लंबी सड़कें निर्मित की हैं और पिछले तीन वर्षों में किसी भी एक वित्तीय वर्ष में निर्मित परियोजनाओं की अधिकतम दूरी की सड़कें बनाने की उपलब्धि प्राप्त की है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1,68,770 करोड़ रुपये की लागत के साथ राजमार्ग के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एनएचएआई द्वारा पूंजीगत व्यय अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

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एनएचएआई भारतमाला परियोजना को भी लागू कर रहा है, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा राजमार्ग बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है, जिसमें 34,800 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों का विकास 5.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश से किया गया है। 22 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और प्रवेश-नियंत्रित कॉरिडोर को भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसकी लंबाई 8,400 किलोमीटर और 3.6 लाख करोड़ रुपये इसकी पूंजीगत लागत है।

इसका उद्देश्य सिर्फ विकासशील राजमार्गों से अलग हटकर देखना है और इसमें बुनियादी ढांचे की रूपरेखा का समग्र और एकीकृत विकास शामिल है। ‘पीएम गति शक्ति’ जैसी पहल – मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान, विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को एक साथ लाता है। इसके अलावा, देश के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए, एनएचएआई द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के माध्यम से एनएचएआई के 100 प्रतिशत स्वामित्व वाले एसपीवी के माध्यम से 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) विकसित किए जा रहे हैं।

पर्वतमाला, राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में अंतिम स्थान पर सम्पर्क की सुविधा प्रदान करेगा और पर्यटन और परिवहन का विकास करेगा।

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पश्चिम बंगाल राज्य में, एनएचएआई ने अब तक कुल 1,201 किलोमीटर लम्बे सड़क नेटवर्क का निर्माण किया है। वर्तमान में 356 किलोमीटर लम्बी परियोजनाओं का निर्माण कार्य जारी है। चालू परियोजनाओं की कुल लागत 13,570 करोड़ रुपये है।

एनएचएआई वित्त वर्ष 2022-23 में पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ रुपये की 270 किलोमीटर लम्बाई की परियोजनाओं को प्रदान करने की भी योजना बना रहा है, जो न केवल राज्य के भीतर सम्पर्क सुविधा में सुधार करेगा बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

एनएचएआई न केवल विश्व स्तर के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कर रहा है बल्कि दुर्घटना मुक्त राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में भी गहरी रुचि ले रहा है। राजमार्ग दुर्घटनाओं को कम करने के लिए, कुछ हिस्सों को जीरो फैटलिटी कॉरिडोर के रूप में अपनाया गया है। पश्चिम बंगाल में एनएच-2 का बराकर से पानागढ़ खंड उनमें से एक है। एनएचएआई पश्चिम बंगाल सरकार के पुलिस विभाग के साथ निर्माण के दौरान ब्लैक स्पॉट (उच्च दुर्घटना वाले स्थान) की भी पहचान कर रहा है और ऐसे 459 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है। इनमें से 301 ब्लैक स्पॉट को दीर्घकालिक सुधारात्मक उपायों को लागू करके सुरक्षित बनाया गया है, जबकि 146 ब्लैक स्पॉट पर कार्य प्रगति पर है। ऐसी अन्य जगहों पर जल्द ही सुधार का काम शुरू होगा।

एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचे को तीव्र गति से विकसित करने और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षित, सुगम और निर्बाध यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

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