पीएम के नेतृत्व में सामूहिक प्रयासों से लाखों किसानों की दोगुनी से अधिक हुई आय: श्री तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में कृषि क्षेत्र व किसानों का तेजी से विकास हो रहा है। किसानों की आय दोगुना करने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर केंद्र व राज्य सरकारों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) सहित सभी के सामूहिक प्रयासों से असंख्य किसानों ने आय दोगुना या इससे ज्यादा करने में सफलता हासिल की है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, आय बढ़ने वाले लाखों किसानों में से 75 हजार किसानों का संकलन कर एक ई-प्रकाशन तैयार किया गया है। साथ ही Doubling Farmers Income पर राज्यवार संक्षिप्त प्रकाशन भी तैयार किया गया है। इनका विमोचन कृषि मंत्री श्री तोमर ने इस अवसर पर किया। ई-प्रकाशन आईसीएआर वेबसाइट पर उपलब्ध है। आईसीएआर के 94वें स्थापना दिवस पर श्री तोमर ने वैज्ञानिकों व किसानों को पुरस्कार भी वितरित किए।

आईसीएआर पूसा परिसर, दिल्ली में आयोजित समारोह में श्री तोमर ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि आईसीएआर ने गत वर्ष तय किया था कि आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसे 75 हजार किसानों से चर्चा कर उनकी सफलता का दस्तावेजीकरण किया जाएगा, जिनकी आय दोगुनी या इससे ज्यादा बढ़ी है। सफल किसानों का यह संकलन देश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। श्री तोमर ने आईसीएआर के अन्य प्रकाशनों का भी विमोचन किया। श्री तोमर ने कहा कि आईसीएआर को स्थापना दिवस संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए। इस अवसर पर वर्षभर के संकल्प लिए जाएं और अगले स्थापना दिवस तक इन्हें पूरा करना चाहिए।

श्री तोमर ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि ऐसा क्षेत्र है, जिसमें निरंतर काम करने की जरूरत है, नित-नई चुनौतियों का समाधान करने की जरूरत है। वर्तमान में चुनौती पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ने की भी है। प्रधानमंत्री की कोशिश है कि गांव, गरीब-किसानों के जीवन में बदलाव आएं, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में अधोसंरचनाएं विकसित हो, जीवन सुगम हो व कृषि मुनाफे में परिवर्तित हो, इसके लिए बहुआयामी प्रयत्न किए हैं। नए रोजगार सृजित करने के लिए योजनाएं लागू कर फंडिंग की जा रही है। लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है, कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं।

सफलता की कहानी, किसानों की ज़ुबानी…#बढ़ता_किसान_भारत_की_शान @icarindia @AgriGoI pic.twitter.com/Z7W7VXExzP

“पढ़ा-लिखा व्यक्ति जब खेती में आता है तो योग्यता व अनुभव के साथ तकनीक को जोड़ने से रोजगार के इतने अवसर पैदा किए जा सकते हैं, जिससे कि रोजगार की समस्या का समधान हो सकता है,” उन्होंने कहा।

           

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आईसीएआर की स्थापना को 93 साल हो गए हैं। “वर्ष 1929 में स्थापना से लेकर आज तक इसके द्वारा लगभग 5,800 बीज-किस्में जारी की गई हैं, वहीं इनमें से लगभग दो हजार किस्में तो वर्ष 2014 से अभी तक 8 वर्षों में ही रिलीज की गई है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इनमें बागवानी, जलवायु अनुकूल व फोर्टिफाइड किस्मों की बीज-किस्में भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन की स्थिति आ रही है तो वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी चिंता का विषय यही है, इस दिशा में रोडमैप बनाकर आगे बढ़ना, देश को परिणाम देना है ताकि भारत के कृषि उत्पादों के निर्यात की भी और अच्छी स्थिति बन सकें, इसमें सभी केवीके और आईसीएआर के संस्थानों के अन्य वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है,” उन्होंने कहा।

यह भी पढ़ें :   तो राहुल गांधी को विभाजनकारी विचार और देश का अपमान करने वाले कांग्रेसी नेता पसंद हैं। राहुल गांधी बताएं आखिर पनौती (अशुभ) कौन है।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन पर नई शिक्षा नीति का उदय हुआ, अब स्कूली शिक्षा में कृषि पाठ्यक्रम का समावेश किया जा रहा है। “कृषि शिक्षा संस्थान नई शिक्षा नीति को कैसे अंगीकार करें, यह काम आगे बढ़कर आईसीएआर ने किया है, इसका सद्परिणाम आगे देखने को मिलेगा,” उन्होंने कहा।

श्री तोमर ने कृषि उत्पादकता के क्षेत्र में काम करने सहित दलहन, तिलहन, कपास उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी आईसीएआर व केवीके को संकल्पबद्ध होकर प्रयास करने को कहा। इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों के कुछ किसानों से कृषि मंत्री ने आनलाइन संवाद किया। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, म.प्र., गुजरात आदि के किसानों से कृषि मंत्री की चर्चा में यह बात उभरी कि सरकारी योजनाओं, संस्थागत सहयोग से इनकी आय बढ़ रही हैं, जीवन स्तर सुधर रहा है।

डोंगरपुर राजस्थान से श्रीमती शांता पटेल जी ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण के बाद अब उनकी बचत साढ़े तीन लाख से बढ़कर साढ़े तेरह लाख रूपए हो गई है…#बढ़ता_किसान_भारत_की_शान @icarindia @narendramodi @AgriGoI pic.twitter.com/uh2jzfcKgk

कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने आईसीएआर के उपलब्धिपूर्ण इतिहास के दस्तावेजीकरण का सुझाव दिया। उन्होंने पोषक तत्व बढ़ाने वाली फसलों की नई बीज किस्में विकसित करने के लिए आईसीएआर की सराहना की। उन्होंने कहा कि कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में हो रहे नवाचारों की ओर अनुसंधान केंद्रों का ध्यान जाना चाहिए। साथ ही इसे लेकर उत्कृष्ट कार्य करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष अगले साल भारत की अगुवाई में मनाया जाएगा। इसके मद्देनजर मिलेट्स को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने पर आईसीएआर को फोकस करना चाहिए।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि विकास में किसानों के साथ ही आईसीएआर के वैज्ञानिकों का बहुत योगदान है। पीएम के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें सुविधाएं-समर्थन देने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम कर रही है। कृषि का बजट 8 वर्ष पूर्व करीब 22 हजार करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 1.32 लाख करोड़ रु. कर दिया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में हर साल 3 किश्तों में 6,000 रु. किसानों के बैंक खातों में दिए जा रहे हैं, वहीं एफपीओ के माध्यम से छोटे किसानों की दिक्कतें दूर की जा रही हैं। नए 10 हजार एफपीओ मील का पत्थर साबित होंगे और इनके जरिये देश ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी कोने में किसान अपने उत्पाद आसानी से बेच सकेंगे।

यह भी पढ़ें :   केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा 100 करोड़ कोरोना टीके लगाने की उपलब्धि हासिल करने को ऐतिहासिक और गौरवमयी क्षण बताया

नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद ने कहा कि श्री तोमर ने जो संकल्प की बात की वह अपने आप में महत्वपूर्ण है।  हर इन्स्टीट्यूट को अपना संकल्प बनाना चाहिए ताकि वो सबका संकल्प बन जाये। ICAR  ने KVK  को मानकर जो भी उपलब्धि हासिल की है वो लोगों को भागीदार बना कर की है। पिछले 75 साल में ग्रीन  रेव्यूलूशन का इंजन जेनेटिक इंप्रूवमेंट से हुआ है । भारत सरकार बड़ी जिम्मेदारी के साथ दो रास्तों  पर चल रही है। एक हैं –  ट्रेडिशनल पद्धति। दूसरा – साइंस/ विज्ञान।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 94वां स्थापना दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह – 2022 #बढ़ता_किसान_भारत_की_शान https://t.co/VkoSc6uTXM

संगठनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए व्यक्तिगत कर्मचारियों और टीमों को प्रोत्साहित करने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए और उन्हें नौकरी से संतुष्टि के अपने स्तर में सुधार के अलावा अधिक कुशल, उत्तरदायी और उत्पादक बनाने के लिए, मंत्री ने 4 प्रमुख श्रेणियों में 15 पुरस्कार प्रदान किए। श्रेणियों में कृषि संस्थानों के लिए उत्कृष्टता का राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और किसानों द्वारा नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।

आज पूसा परिसर नई दिल्ली में @icarindia के 94वें स्थापना दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह – 2022 में पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी महानुभावों एवं संस्थाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं…#बढ़ता_किसान_भारत_की_शान @AgriGoI pic.twitter.com/ti8BEJH3D4

इस वर्ष, आईसीएआर ने 15 विभिन्न पुरस्कारों के तहत 92 पुरस्कार विजेताओं का चयन किया, जिनमें 4 संस्थान, 1 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, 4 कृषि विज्ञान केंद्र, 67 वैज्ञानिक और 11 किसान शामिल थे, जिनमें से 8 महिला वैज्ञानिक और किसान थे।

     

 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि और गणमान्य व्यक्तियों ने विभिन्न आईसीएआर प्रकाशनों और प्रौद्योगिकियों का विमोचन किया।

कार्यक्रम में आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने भी संबोधित किया। उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) डा. ए.के. सिंह ने स्वागत भाषण दिया। सहायक महानिदेशक डॉ. पवन कुमार अग्रवाल ने आभार माना। महाराष्ट्र के सांसद डा. अनिल बोंडे, आईसीएआर के अधिकारी, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, वैज्ञानिक व प्रगतिशील किसान भी मौजूद थे। देश के 731 केवीके और आईसीएआर के संस्थानों में भी स्थापना दिवस पर कार्यक्रम हुए, जिनमें हजारों किसानों के साथ स्थानीय सांसद-विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की।

***

अ. प. श. / प्र. क.