शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण परिणाम अर्जित करने पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के पश्चात एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव श्रीमती अनीता करवाल और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्री महोदया ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की मोबाइल एप्लिकेशन भी जारी की और यह एंड्रॉइड प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि शिक्षा मानवता के विकास की नींव है। मानव समाज की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि वह समाज कितना शिक्षित और ज्ञानवान है। मंत्री महोदया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में शिक्षा को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए साक्ष्य आधारित शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2021 ऐसे हस्तक्षेपों के लिए आधार प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे उपाय करने होंगे ताकि बच्चों की शिक्षा की गति न केवल महामारी पूर्व के स्तर तक पहुंचे, बल्कि इस दौरान उन्हें हुए नुकसान की भरपाई भी हो सके। उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिए हमें लघु अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक अवधि की रणनीति बनाने की जरूरत है। उन्होंने एनएएस 2021 के सुचारू संचालन और समय पर रिपोर्ट कार्ड जारी करने के लिए मंत्रालय, एनसीईआरटी, राज्य शिक्षा सचिवों, एसपीडी के अधिकारियों को बधाई दी।

श्रीमती अनीता करवाल ने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के लिए शिक्षण स्तर की पहचान करनी चाहिए ताकि छात्रों की जरूरतों के आधार पर वस्तु विषय तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्यों को शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के अनुभव के आधार पर अगले वर्ष राज्य स्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एसएलएएस) तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पाठ्यपुस्तकों के अलावा विभिन्न शिक्षण विधियों पर जोर देना चाहिए। श्रीमती अनीता करवाल ने कहा कि पुस्तकों का उपयोग एकमात्र साधन के तौर पर न करते हुए शिक्षकों को अन्य माध्यमों का भी पता लगाना चाहिए ताकि शिक्षण आमोद-प्रमोद के साथ प्रदान किया जाए।

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प्रो. इंद्राणी भादुड़ी ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 के संचालन और राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर रिपोर्ट कार्ड जारी करने पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने एनएएस हस्तक्षेप के बाद के लिए प्रारूप भी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण एक व्यापक स्तर का सर्वेक्षण है जिसे वर्ष 2001 से भारत में समय-समय पर बच्चों के सीखने के स्तर का आकलन करने और शैक्षिक प्रणाली की स्थिति एवं प्रभावकारिता में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। एनएएस के नवीनतम चक्र का आयोजन नवंबर 2021 में किया गया था और इसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 720 जिलों से कक्षा 3, 5, 8 और 10 के छात्रों के सीखने के स्तर का आकलन किया गया था।

जिले, राज्य और राष्ट्र के स्तर पर सर्वेक्षण के निष्कर्षों की व्यापक रिपोर्टिंग पूरे भारत में बच्चों की शिक्षण उपलब्धि की विस्तृत समझ प्रदान करती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य के गणमान्य व्यक्तियों के बीच एनएएस-2021 के निष्कर्षों का प्रसार करना और उन प्रारूपों पर विचार-विमर्श करना था जिन्हें देशभर के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने जुलाई 2022 के महीने के दौरान आयोजित गहन क्षेत्रीय कार्यशालाओं के एक भाग के रूप में विकसित किया हैं। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा तैयार किए गए प्रारूप एनएएस हस्तक्षेपों के बाद विस्तृत रूप से तैयार किए गए हैं जिन्हें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश के लिए एनएएस के निष्कर्षों के अनुवर्ती के रूप में लागू करने की मंशा रखते हैं।

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पोस्ट एनएएस हस्तक्षेप सर्वेक्षण के पश्चात का एक महत्वपूर्ण चरण है जो बच्चों के सीखने के स्तर को बढ़ाने के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी देने के लिए सर्वेक्षण के निष्कर्षों के इष्टतम उपयोग पर केंद्रित है। एनसीईआरटी द्वारा विकसित शिक्षण परिणामों और ब्लॉक, समूह और जिला स्तर पर जमीनी स्तर के हस्तक्षेप पर समर्पित प्रस्तुतियाँ और चर्चाएँ भी की गईं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, लद्दाख, मणिपुर और कर्नाटक ने एनएएस 2021 के बाद के हस्तक्षेपों का मार्गदर्शन करने के लिए संक्षिप्त प्रारूपों पर अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।

एनसीईआरटी के डॉ अमरेंद्र बेहरा ने विद्या समीक्षा केंद्र के बारे में संक्षेप में जानकारी दी और श्री रजनीश कुमार, निदेशक (डिजिटल शिक्षा) ने शिक्षा प्रशासकों के समूह के लिए राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला (एनडीईएआर) का शुभारंभ किया। श्री रवि हेगड़े, उप महानिदेशक (सांख्यिकी) ने स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए रणनीति की प्रस्तुति दी।

अपर मुख्य सचिव (शिक्षा), प्रमुख सचिवों, राज्य शिक्षा सचिवों, राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश सरकार के समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशकों और एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस एवं एससीईआरटी के अनेक अधिकारियों ने राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला का विषय प्रौद्योगिकी और डेटा के माध्यम से छात्रों के शिक्षण परिणामों में सुधार लाना था।

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एमजी/एएम/एसएस