गुजरात के लोथल में ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) का निर्माण कर रहा है। यह भारत में अपनी तरह का पहला परिसर है जिसमें भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत का प्रदर्शन किया जाएगा। एनएमएचसी परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई थी और मास्टर प्लान के लिए सहमति मार्च 2019 में दी गई थी।
इस परियोजना को विभिन्न चरणों में पूरा करने की योजना है:
चरण-1ए में भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल द्वारा उपयोग की जाने वाली 5 दीर्घाओं और एक नौसेना दीर्घा सहित संग्रहालय भवन का एक परिसर और 35 एकड़ भूमि का विकास शामिल है। इस चरण को 774.23 करोड़ रुपये की लागत से ईपीसी मोड में विकसित किया जा रहा है।
चरण-1बी में बकाया दीर्घाओं सहित शेष संग्रहालय का निर्माण कार्य शामिल हैं और इसमें लाइट हाउस, 5डी डोम थियेटर, बागीचा परिसर और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल हैं। इस चरण का निर्माण भी ईपीसी मोड के तहत विकसित करने का प्रस्ताव है।
चरण-2 में राज्य पवेलियन, लोथल सिटी, समुद्री संस्थान, (हॉस्टल सहित), इको रिसॉर्ट्स, मैरीटाइम और नवल थीम पार्क, जलवायु परिवर्तन थीम पार्क, स्मारक थीम पार्क तथा रोमांच और मनोरंजन पार्क शामिल होंगे। इस चरण के तहत घटकों का निष्पादन पीपीपी मोड के तहत किया जाएगा।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन जलमार्ग एवं आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि यह उनके मंत्रालय की सागरमाला योजना के तहत एक प्रमुख परियोजना है जिसमें शिक्षा का दृष्टिकोण शामिल है। नवीनतम तकनीक का उपयोग करके समुद्री विरासत को उपभोक्ता के अनुकूल तरीके से पेश किया जाएगा ताकि लोगों में जागरूकता का प्रचार किया जा सके। ईपीसी और पीपीपी मोड सहित इस एनएमएचसी परियोजना की कुल लागत 3,500 करोड़ रुपये है। एनएमएचसी चरण-1ए का निर्माण कार्य मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इस परियोजना में गुजरात सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राज्य सरकार बाह्य बुनियादी ढांचे को विकसित करके इस परियोजना में मदद कर रही है जिनमें एसएच1 से एनएमएचसी स्थल तक गुंडी-लोथल-सरगवाला गांव होते हुए 11.58 किलोमीटर लम्बी सड़क को 4 लेन का बनाना तथा एनएमएचसी पर 66 केवी बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराकर निर्माण स्थल को जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराना शामिल है।
एनएमएचसी की प्रमुख उपलब्धियां:
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एमजी/एएम/आईपीएस/एसके-