भारत ने खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि की गवर्निंग बॉडी की बैठक के दूसरे दिन विचार-विमर्श का नेतृत्व किया

जीबी9 के दूसरे दिन पादप संधि के दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। भारत के निरंतर प्रयासों के कारण, 2017 में एफआर पर एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया और भारत ने सह-अध्यक्ष के रूप में समूह का नेतृत्व किया। भारत ने महामारी के दौरान भी समूह की चर्चा सुनिश्चित की और किसी भी देश में एफआर लागू करने के लिए विकल्पों और भविष्य की प्रक्रिया का एक सेट तैयार किया।

2019 से सभी औपचारिक बैठकों को स्थगित कर दिया गया था। भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ संयुक्त राष्ट्र-जिनेवा में एक अनौपचारिक बैठक का आयोजन किया और विचार-विमर्श के लिए जीबी9 के लिए एक आधारित दस्तावेज तैयार किया। परिणामस्वरूप, भविष्य की प्रक्रिया तय करने के लिए भारत की सह-अध्यक्षता में एक संपर्क समूह का गठन किया गया।

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नॉर्वे, सर्बिया और जिम्बाब्वे के प्रतिनिधियों ने एनबीपीजीआर के निदेशक के साथ बातचीत की और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े जीन बैंक को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।

खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि (आईटीपीजीआरएफए) के शासी निकाय की बैठक (जीबी9) के नौवें सत्र के दूसरे दिन, देर शाम के सत्र के दौरान पीजीआरएफए पर जीएलआईएस की प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया।

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वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में भारत ने प्रस्ताव रखा कि जीएलआईएस के उपयोग के लिए अनुबंध करने वाले पक्षों के बीच क्षमता निर्माण की आवश्यकता है।

जीबी9 द्वारा नए टूलबॉक्स और पृष्ठभूमि अध्ययनों की सराहना की गई। संरक्षण और स्थायी उपयोग संबंधी समिति के सदस्य के रूप में भारत ने इस एजेंडे को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों/संस्थानों के साथ संयुक्त कार्यक्रमों का प्रस्ताव रखा।

 

 

 

 

 

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