भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य प्रशिक्षक ग्राहम रीड का मानना है कि 36वें राष्ट्रीय खेल सही समय पर आयोजित किए गए हैं और इससे वर्ष 2024 में पेरिस में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए एक मजबूत टीम तैयार करने में मदद मिलेगी।
श्री रीड पहली बार राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बने हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय खेलों के अपने अनुभव को साझा करते हुए, श्री रीड ने कहा कि वह मंगलवार को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में फाइनल में पहुंची आठ टीमों की प्रतियोगिता में मैचों की गुणवत्ता से वे खुश हैं।
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के मूल निवासी रीड ने कहा, “यह पहला राष्ट्रीय खेल है जिसे मैं देख रहा हूं। मैं कहूंगा कि यह सही समय पर आयोजित किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कई युवाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है जो पेरिस ओलंपिक के लिए एक अच्छी भारतीय टीम के निर्माण में मदद कर सकता है।”
मुख्य प्रशिक्षक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न दृष्टिकोणों को पहचानते हैं। उन्होंने कहा, “यहां, राष्ट्रीय खेलों में, यह व्यक्तिगत कौशल से अधिक है जो किसी को देखने को मिलता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह एक-वन टच गेम के साथ अलग है। इस खेल में व्यक्तिगत कौशल की जरूरत होती है, लेकिन खिलाड़ियों को परिस्थितियों के अनुकूल अपने आप को ढालना होगा।”
श्री रीड ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम में दुनिया की किसी भी टीम को हराने वाली टीमों में से एक होने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा, “टीम इंडिया के किसी भी सदस्य का ध्यान परिस्थितियों के अनुकूल होने और क्षमता के अनुसार खेलने पर होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि वे ऐसी प्रतिभाओं की तलाश में हैं जो अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय टीम की मदद कर सकें।
वर्ष 2022 के एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के विजेता हरमनप्रीत सिंह के बारे में बात करते हुए मुख्य प्रशिक्षक ने कहा कि यह सम्मान उन्हें प्रोत्साहित करेगा। श्री रीड ने कहा, “उनका यह साल बहुत अच्छा रहा है। मुझे विश्वास है कि वे अपने खेल में सुधार करेंगे और अच्छा काम करते रहेंगे। वह आसानी से संतुष्ट नहीं होते हैं और उनमें हर दिन सुधार करने की ललक है। यह एक शानदार खिलाड़ी होने का एक अच्छा संकेत है।”
मुख्य प्रशिक्षक ने गोलकीपर पीआर श्रीजेश की भी तारीफ की। रीड ने कहा, “हां, वह अच्छा खेल रहे हैं। ‘गोलकीपर का करियर अन्य खिलाड़ियों की तुलना में लंबा होता है। उन्होंने कहा की यह दर्शाता है कि भारत में अधिक गोलकीपर तैयार हो रहे हैं। एक शिविर का आयोजन किया जा रहा है जहां से अधिक संख्या में गोलकीपर चुने जा सकते हैं और उनकी प्रतिभा में निखार लाया जा सकता है।
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