‘लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान’ (एससीडीपीएम 2.0) के अंतर्गत अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाएं – जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के एक स्वायत्त संस्थान जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा ई-पोर्टल का शुभारंभ

भारत सरकार के ‘लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान’ (एससीडीपीएम 2.0) के एक हिस्से के रूप में, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने डिजिटलीकरण को ध्यान देने के प्रमुख क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना है, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन, कार्य क्षमता में सुधार एवं पारदर्शिता में वृद्धि होगी और यह सभी एक स्थायी भविष्य की दिशा में योगदान करते हैं।

इस अभियान की केंद्रीय अवधारणा के अनुरूप, डीबीटी के एक स्वायत्त संस्थान, क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (रीजनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी) द्वारा सर्वोत्तम प्रथा के रूप में एक ई -पोर्टल तैयार किया गया है। यह पोर्टल छात्र समुदाय के सभी शैक्षणिक मामलों को पूरा करेगा। यह ‘अकादमिक पोर्टल’ ( http://acad.rcb.ac.in/ ) प्रारम्भ किया गया है और पूरी तरह से कार्यात्मक है। उसी का एक लिंक आरसीबी वेब पोर्टल में दिया गया है।

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अब से, आरसीबी और संबद्ध संस्थानों में सभी छात्रों से संबंधित सभी शैक्षणिक गतिविधियों जैसे उपस्थिति, कार्य आबंटन (असाइनमेंट), सेवा अभिलेखन नियम (एसएसी) गठन, शोध प्रस्ताव, प्रगति रिपोर्ट आदि प्रपत्र रहित (पेपरलेस) होंगे और अकादमिक पोर्टल के माध्यम से किए जाएंगे।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले ने आरसीबी को छात्र हितैषी शैक्षणिक पोर्टल शुरू करने के लिए बधाई दी और कहा कि एक केन्द्रीय (नोडल) संस्थान होने के नाते आरसीबी ने विभाग की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए सही पहल की है और जिसका अनुकरण जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के अन्य स्वायत्त संस्थान कर सकते हैं।

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