35 एकड़ जमीन के लिए जारी है जंग। अमरीका को प्रभावी पहल करनी चाहिए।

भारत तो चाहेगा इजरायल और फिलिस्तीन का युद्ध समाप्त हो जाए।
35 एकड़ जमीन के लिए जारी है जंग। अमरीका को प्रभावी पहल करनी चाहिए।
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पूरी दुनिया जब कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है, तब मध्य पूर्व में इजरायल और फिलिस्तीन युद्ध लड़ रहे हैं। 35 एकड़ जमीन को लेकर बरसों से जंग चल रही है। यदि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध लम्बा चलता है तो इसका असर भारत की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ेगा। यही वजह है कि भारत चाहता है कि मध्य पूर्व का यह युद्ध समाप्त हो जाए। फिलिस्तीन मुस्लिम बहुल्य देश है और भारत में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। भारत सहित दुनिया भर के मुस्लिमानों की सहानुभूति फिलिस्तीन के साथ है। सब जानते हैं कि अल अक्सा मस्जिद की 35 एकड़ भूमि को लेकर बरसों से जंग चल रही है। मुस्लिम और यहूदी समुदाय दोनों की धार्मिक भावनाएं इस जमीन से जुड़ी हुई है। यहूदी समुदाय के लोग इसे प्रभु यीशू मसीह के जीवन से जोड़कर देखते हैं तो मुस्लिम समुदाय अपने पैगम्बर मोहम्मद साहब से। कोई भी समुदाय इस स्थान को छोडऩा नहीं चाहता है। पूर्व में अंतर्राष्ट्रीय समझौते के बाद अल अक्सा मस्जिद के रख रखाव की जिम्मेदारी जॉर्डन को दी गई थी। लेकिन यह समझौता भी इजरायल और फिलिस्तीन की जंग को समाप्त नहीं कर सका। इस जमीन को लेकर ही इस्लामिक उग्रवादी संगठन हमास ने हाल ही में इजरायल पर कोई दो हजार मिसाइल दागी। हालांकि अधिकांश मिसाइलों को आसमान में ही धराशायी कर दिया गया, लेकिन अनेक मिसाइल इजरायल की धरती पर गिर गई। इससे कई याहूदियों की मौत हो गई। इस हमले का अब इजरायल बदला ले रहा है। गाजा स्थित रिहायशी इलाके में बनी 24 मंजिला एक बिल्डिंग को इजरायल ने बम से धराशायी कर दिया। इजरायल का आरोप है कि इस बिल्डिंग में उग्रवादी संगठन हमास का दफ्तर संचालित होता है, जो इजरायल के विरुद्ध काम करता है। जबकि फिलिस्तीन का कहना है कि इस बिल्डिंग में अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के दफ्तरों का संचालन होता रहा है। इसमें अल जजीरा चैनल भी शामिल हैं। इसे इजरायल की युद्ध की तकनीक ही कहा जाएगा कि बम से सिर्फ इसी 24 मंजिला बिल्डिंग को धराशायी किया गया। आसपास की सभी बिल्डिंग सुरक्षित रखी गई। बिल्डिंग को गिराने से पहले चेतावनी देकर खाली भी करवा लिया गया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कहा कि इस्लामिक उग्रवादियों के हमलों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका अभियान लगातार जारी रहेगा। इस बार हमास जैसे संगठनों को पूरी तरह सबक सिखाया जाएगा। इस बीच अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल का समर्थन किया है। बाइडन का कहना है कि हजारों मिसाइलों से रक्षा करने का अधिकार इजरायल को है। इस युद्ध में भले ही अमरीका इजरायल का साथ खड़ा हो, लेकिन अमरीका भी नहीं चाहता है कि युद्ध लम्बा चले। इसलिए अमरीका के राजनायिकों ने मध्य पूर्व के अनेक देशों से संवाद किया है। अमरीका का भी प्रयास है कि इजरायल को नियंत्रण में रखा जाए। इस बीच इस्लामिक देशों में संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक भी बुलाई है। इस्लामिक देश लगातार इजरायल के आक्रमक रवैये की आलोचना करते रहे हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो भारत के संबंध भी इजरायल से दोस्ताना रहे हैं। हाल ही में कई रक्षा सौदों पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। लेकिन भारत कई मौकों पर फिलिस्तीन के साथ भी नजर आया है। इसलिए मौजूदा तनाव के दौर में भारत स्वयं को तटस्थ दिखाने की कोशिश कर रहा है। अब टीवी चैनलों पर कोरोना संक्रमण के साथ साथ इजरायल और फिलिस्तीन युद्ध पर भी लाइव डिबेट होने लगी है।