टेलीकॉम लीडरशिप फोरम के 21वें संस्करण में सी-डॉट को वॉइस एंड डाटा एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया

भारत सरकार के संचार मंत्रालय में दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को “सम्मिलन के युग (एरा ऑफ कन्वर्जेंस)” पर आयोजित सम्मेलन टेलीकॉम लीडरशिप फोरम के 21वें संस्करण में सम्मानित किया गया है। वॉयस एंड डेटा द्वारा वर्चुअल तरीके से इसका आयोजन आईओटी अनुप्रयोगों के लिए वनएम2एम (वन मशीन टू मशीन) मानक पर आधारित स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित मानकीकृत “सी-डॉट कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म (सीसीएसपी)” के लिए 22 मार्च, 2022 को किया गया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सरकार और संचार उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और उन्होंने भारत के दूरसंचार परितंत्र के बदलाव पर अपना विज़न, विचार और अंतर्दृष्टि साझा की।

 

आज के आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) समाधान वर्टिकल सेंट्रिक हैं और इस प्रकार, मजबूती से जोड़े में बंधे हैं और आपस में संचालन योग्य (इंटरऑपरेबल) नहीं हैं। इन आईओटी परितंत्र का वास्तविक मूल्य विभिन्न अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच अंतर-संचालन क्षमता (इंटरऑपरेबिलिटी) और डेटा साझा करने से आता है। हमारे शहरों, गांवों और उद्योगों को स्मार्ट बनाने के लिए अरबों उपकरण (सेंसर, एक्चुएटर, गेटवे आदि) लगाए जा रहे हैं। आईओटी/एम2एम अनुप्रयोगों के कैपेक्स और ओपेक्स दोनों को कम करने के लिए मानकीकृत प्लेटफार्मों की अंतर-संचालन क्षमता आवश्यक है।

सी-डॉट का कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म- सीसीएसपी एक वनएम2एम आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है जो आईओटी/एम2एम में समाधान विकसित करने और तैनात करने के लिए एक मानक आधारित दृष्टिकोण प्रदान करता है। सीसीएसपी विभिन्न डोमेन के आईओटी अनुप्रयोगों के लिए हॉरिजोंटल कॉमन सर्विस लेयर प्रदान करता है। सीसीएसपी एक ही हॉरिजोंटल प्लेटफॉर्म पर कई उद्योग-विशिष्ट उपयोग मामलों में काम आ सकता है। सीसीएसपी अनुप्रयोगों और डेटा प्रोसेसिंग एवं संचार हार्डवेयर के बीच लगता है।

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सीसीएसपी आसानी से मानकीकृत अनुप्रयोगों के विकास को संभव बनाता है, जिससे अनुप्रयोग के विकास में लगने वाले समय और उसके तैनाती जीवनचक्र में काफी कमी आती है। सीसीएसपी बुनियादी हार्डवेयर, संचालन प्रणाली या कनेक्टिविटी प्रौद्योगिकियों को लेकर निश्चित नहीं है और यह मानक आधारित इंटरफेस का उपयोग करके अलग-अलग अनुप्रयोगों के बीच सुरक्षित तरीके से डेटा को साझा करना संभव बनाता है।

स्मार्ट शहरों में गैर-मानकीकृत स्वामित्व समाधानों ने उन्हें स्वामित्व परितंत्र में बंद कर दिया है। इससे पसंद के अनुसार प्रौद्योगिकी का चुनाव सीमित हो जाता है और लागत बढ़ जाती है। वर्टिकल रोलआउट, जहां प्रत्येक आईओटी उपयोग मामले को एक समर्पित साइलो में रखा जाता है या मामला-विशिष्ट डेटा विनिमय तंत्र और एकल-उपयोग वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है, का मापन नहीं होता है।

शहरों को अधिक से अधिक क्रॉस-डोमेन सहक्रियाओं की ओर पुन: उन्मुख करना होगा। इसके लिए यह जरूरी है कि नेटवर्क, उपकरण और डेटा का इस्तेमाल एक से अधिक उद्देश्यों के लिए किया जाए। उपकरण प्रबंधन, सुरक्षा और संचार प्रबंधन जैसे अन्य कार्य यदि कई आईओटी अनुप्रयोगों द्वारा साझा किए जाते हैं, तो यह इसे और अधिक मजबूत और लागत प्रभावी बनाता है।

सीसीएसपी प्लेटफॉर्म के साथ-साथ, सी-डॉट ने विभिन्न वनएम2एम आधारित समाधान भी विकसित किए हैं और वनएम2एम के अनुरूप समाधानों के विकास में उद्योग भागीदारों की सहायता भी की है।

सीसीएसपी के साथ वनएम2एम आधारित आईओटी समाधानों को लागू करने से शहर कई विक्रेताओं के समाधानों का मिलान करने में सक्षम होंगे। इससे स्टार्ट-अप और स्वदेशी समाधान डेवलपर्स के लिए अवसर पैदा होंगे। सी-डॉट अनुप्रयोगों और उपकरणों को वनएम2एम के अनुरूप बनाने के इस प्रयास में स्टार्टअप्स का समर्थन कर रहा है।

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स्मार्ट सिटी मशीन टू मशीन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (एम2एम/आईओटी) अनुप्रयोगों के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक हैं। अनुप्रयोगों में स्मार्ट होम्स, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं लेकिन ये इन्हीं तक सीमित नहीं हैं। यह सब एम2एम / आईओटी उपयोग के मामलों के उदाहरण हैं जो किसी स्मार्ट सिटी के बहुत आवश्यक घटक हैं। शहरों को स्मार्ट बनाने की दिशा में वैश्विक जोर से भी एम2एम / आईओटी उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलता रहा है। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार का स्मार्ट सिटी मिशन भी स्थायी स्मार्ट शहरों की दिशा में अपने लक्ष्य के लिए मानक शिकायत एम2एम / आईओटी समाधान का समर्थन करता है। स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया कॉमन सर्विस प्लेटफॉर्म (सीसीएसपी) सी-डॉट एक राष्ट्रीय मानक आधारित आईओटी प्लेटफ़ॉर्म होने के कारण सरकार के स्मार्ट शहरों के मिशन को साकार करने के लिए सही तरीके से प्रोत्साहन देता है।

सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक और सी-डॉट परियोजना बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने सी-डॉट के युवा इंजीनियरों और प्रौद्योगिकी की बड़ी हस्तियों के प्रयासों की सराहना की, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “आत्म-निर्भर भारत” के विज़न को साकार करने के लिए निरंतर नवाचार कर रहे हैं।”

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