सरकार का कहना है कि डीएनए प्रौद्योगिकी के उपयोग और अनुप्रयोग के विनियमन, प्रदान करने के लिए ‘डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक’ का मसौदा विचाराधीन है

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, एमओएस, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने निर्भया फंड योजना के तहत 23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में डीएनए विश्लेषण, साइबर-फोरेंसिक और संबंधित सुविधाओं को मजबूत करने के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ‘डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक’ तैयार किया है जिसका उद्देश्य डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) तकनीक का उपयोग कर पीड़ितों, अपराधियों, संदिग्धों, अंडर ट्रायल, लापता व्यक्तियों और अज्ञात मृत व्यक्ति सहित व्यक्तियों के कुछ वर्ग की पहचान प्रमाणित करना है।

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उन्होंने कहा, मसौदा विधेयक, जो विचाराधीन है में डीएनए प्रोफाइल को स्टोर करने के लिए देश भर में डीएनए डेटा बैंक स्थापित करने का प्रावधान है।

मंत्री ने कहा, फोरेंसिक जांच में गुणवत्ता और मानकीकरण सुनिश्चित करने के लिए जिसमें डीएनए आधारित फोरेंसिक से संबंधित मामले शामिल हैं, फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय (डीएफएसएस), एमएचए ने जीव विज्ञान और डीएनए डिवीजन को यौन उत्पीड़न के मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह के लिए दिशानिर्देश और उत्पीड़न साक्ष्य संग्रह किट जारी किए हैं।

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क्षमता निर्माण के लिए, 23,233 जांच अधिकारियों (आईक्यू), अभियोजन अधिकारियों (पीओ) और चिकित्सा अधिकारियों को यौन उत्पीड़न के मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य और यौन उत्पीड़न साक्ष्य संग्रह किट में मानक घटकों के संग्रह पर प्रशिक्षित किया गया है।

केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला चंडीगढ़ में एमएचए द्वारा एक अत्याधुनिक डीएनए विश्लेषण प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है।

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