केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी कल गुवाहाटी में 8 उत्तर पूर्वी राज्यों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी कल यानी 10 अप्रैल, 2022 को गुवाहाटी में राज्य सरकारों और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के हितधारकों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी। असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड राज्य इस सम्मेलन में भाग लेंगे। हाल ही में शुरू किए गए 3 मिशनों- पोषण 2.0, वात्सल्य और शक्ति के इष्टतम प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश के प्रत्येक क्षेत्र में राज्य सरकारों और हितधारकों के साथ क्षेत्रीय परामर्श की एक श्रृंखला शुरू की है। गुवाहाटी में आयोजित सम्मेलन इस श्रृंखला में तीसरा है। इस तरह का पहला सम्मेलन 2 अप्रैल को चंडीगढ़ में और दूसरा 4 अप्रैल, 2022 को बेंगलुरु में आयोजित  किया गया था।

महिलाओं तथा बच्चों का सशक्तिकरण एवं सुरक्षा, जो भारत की जनसंख्या का 67.7 प्रतिशत है, और एक सुरक्षित एवं संरक्षित वातावरण में उनका संपूर्ण विकास सुनिश्चित करना देश के सतत व समान विकास के साथ-साथ परिवर्तनकारी आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में मिशन मोड में लागू करने के लिए मंत्रालय की 3 महत्वपूर्ण अम्ब्रेला योजनाओं – मिशन पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य को मंजूरी दी है। इन 3 मिशनों को 15वें वित्त आयोग की अवधि, 2021-22 से 2025-26 के दौरान लागू किया जाएगा। अम्ब्रेला मिशन के तहत योजनाएं केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं जिन्हें राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों द्वारा लागत-साझाकरण मानदंडों के अनुसार लागत-साझाकरण आधार पर कार्यान्वित किया जाता है। योजना दिशानिर्देशों को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों राज्य क्षेत्रों के साथ साझा किया जा रहा है।

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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों के लिए राज्यों द्वारा किए गए कार्यों में अंतर को पाटने के साथ-साथ महिला-पुरुष समानता और बाल केंद्रित कानून, नीतियां एवं कार्यक्रम तैयार करने तथा महिलाओं तथा बच्चों के लिए सुलभ, वहनीय, विश्वसनीय और सभी प्रकार के भेदभाव और हिंसा से मुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए अंतर-मंत्रालयी और अंतर-क्षेत्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना है। इस दिशा में, मंत्रालय की योजनाओं के तहत राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के समर्थन से उद्देश्यों को प्राप्त करने की अपेक्षा की जाती है, जो धरातल पर योजनाओं के  कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं।

क्षेत्रीय सम्मेलनों का उद्देश्य मंत्रालय के 3 अम्ब्रेला मिशनों पर राज्य सरकारों को संवेदनशील बनाना है ताकि सहकारी संघवाद की सच्ची भावना में अगले 5 वर्षों में योजनाओं के समुचित कार्यान्वयन को सुगम बनाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवर्तनकारी सामाजिक परिवर्तन की परिकल्पना को देश की महिलाओं और बच्चों के लाभ के लिए मिशन मोड में पूरा किया जा सके।

मिशन पोषण 2.0 एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है। यह पोषण सामग्री और वितरण में एक रणनीतिक बदलाव के माध्यम से बच्चों, किशोर लड़कियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है तथा स्वास्थ्य, कल्याण  एवं रोग प्रतिरक्षण को पूरा करने वाले तौर-तरीके विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक सामंजस्य पूर्ण इको-सिस्टम तैयार करने पर जोर देता है। पोषण 2.0 के माध्यम से पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत भोजन की गुणवत्ता तथा वितरण को अनुकूलित करने का प्रयास किया जाएगा। आंगनवाड़ी सेवाएं, किशोरियों के लिए योजना और पोषण अभियान जैसे 3 महत्वपूर्ण कार्यक्रमों / योजनाओं को पोषण 2.0 के दायरे में लाया लाएगा।

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मिशन शक्ति में महिलाओं के लिए एकीकृत देखभाल, सुरक्षा, संरक्षण, पुनर्वास और सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं के लिए एक एकीकृत नागरिक-केंद्रित जीवनचक्र समर्थन की परिकल्पना  की गई है, क्योंकि उनके जीवन के विभिन्न चरणों में निरंतर प्रगति हो रही है। मिशन शक्ति की दो उप-योजनाएं ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’ हैं। जहां “संबल” उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा के लिए है, वहीं “सामर्थ्य” उप-योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है।

मिशन वात्सल्य का उद्देश्य देश के प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना, बच्चों के विकास के लिए एक संवेदनशील, सहायक और समकालिक इको-सिस्टम को बढ़ावा देना, किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अधिदेश को पूरा करने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करना, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) लक्ष्यों को प्राप्त करना है। मिशन वात्सल्य के तहत घटकों में वैधानिक निकाय, सेवा वितरण संरचनाएं, संस्थागत देखभाल/सेवाएं, गैर-संस्थागत समुदाय-आधारित देखभाल, आपातकालीन आउटरीच सेवाएं, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शामिल हैं।

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