Indian Railways: कोयले के डिब्बे पर चढ़ा बालक, बिजली के तार से झुलसने से मौत, 22 दिन में दूसरी घटना

कोयले के डिब्बे पर चढ़ा बालक, बिजली के तार से झुलसने से मौत, 22 दिन में दूसरी घटना
Rail News. कोटा-सवाई माधोपुर रेल खंड स्थित गुडला-केशवरायपाटन स्टेशनों के बीच रविवार को एक बालक कोयले से भरे डिब्बे पर चढ़ गया। यहां बिजली के तार (ओएचई) की चपेट में आने से बालक बुरी तरह झुलस गया। इसके चलते बालक की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। सूचना पर मौके पर पहुंची कोटा जीआरपी ने बालक के शव को कोटा एमबीएस अस्पताल में मुर्दाघर में रखवाया है। पोस्टमार्टम सोमवार को किया जाएगा।
बालक की उम्र करीब 12 साल है। इसका नाम आनंद पुत्र सवनू सिंह गौड बताया जा रहा है। यह मध्य प्रदेश जिला अनूपपुर, पिपरकोट, थाना वेनीवारी का रहने वाला था। सवनू मजदूरी करने गुडला आया था। यह यहां पास में ही टापरी बनकर रह रहा था। सवनू रेलवे ठेकेदार के पास गुडला-बूंदी रेल खंड में पटरी किनारे झाड़ियों की साफ-सफाई के काम में जुटा था। इसी दौरान खेल-खेल में आनंद पास की लाइन पर खड़े एक कोयले के डिब्बे पर चढ़ गया। ऊपर चढ़ते ही आनंद ओएचई के 25 हजार वोल्ट करंट की चपेट में आ गया। इसके चलते गंभीर रूप से झुलसने से आनंद की कोयले के डिब्बे के ऊपर ही मौत हो गई।
पांच दिन से खड़ा था डिब्बा
उल्लेखनीय है कि कोयले से बड़ा यह डिब्बा चार-पांच दिन से मौके पर खड़ा था। कर्मचारियों ने बताया कि यह वही डिब्बा है जो पिछले दिनों गुडला-तीरथ के बीच बैपटरी हुआ था। यहां कुल पांच डिब्बे पटरी से उतरे थे। इनमें से चार डिब्बों को हटा दिया गया था। एक डिब्बा यहां खड़ा रह गया था। अगर समय रहते इस डिब्बे को भी मौके से हटा दिया जाता तो यह घटना सामने नहीं आती।
बड़ी घटना टली
गनीमत रही कि इस हादसे में बड़ी घटना टल गई। बच्चों के झुलसने से कोयले भी सुलग सकते थे। इसके चलते पूरे डब्बे में आग लग सकती थी। ऐसी स्थिति में बच्चे का शव भी मिलना मुश्किल होता।
22 दिन में दूसरी घटना
उल्लेखनीय है कि ओएचई की चपेट में आकर बालक की मौत का 22 दिन में यह दूसरा मामला है। इससे पहले 19 नवंबर को भी कोटा स्टेशन के पास यार्ड में खड़ी टावर वैगन पर चढ़कर एक 12 वर्षीय बालक की मौत भी इसी तरह हुई थी। यह बालक भी खेल-खेल पर टावर वैगन पर चढ़ा था।