Indian Railways : वर्कशॉप में साढे चार साल से चल रहा लोहा चोरी का खेल, अब
बदलेगी व्यवस्था
Kota Rail News : माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) में पिछले करीब साढे चार से लोहा चोरी का खेल चल रहा था। पिछले दिनों लोहा चोरी की कोशिश का मामला पकड़ में आने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है। इसके चलते हरकत में आए प्रशासन ने व्यवस्था बदलने का निर्णय लिया है।
सूत्रों ने बताया कि चोरी का यह खेल लॉट (ढेर) में हेराफेरी कर चल रहा था। ढेर बनाते समय ही कीमती लोहा या अन्य धातु पहले रख दी जाती थी। इसके ऊपर नीलाम होने वाला लोहे का ढेर लगा दिया जाता था। बोली लगने के बाद पार्टी को डिलीवरी देते समय कीमती माल को ट्रक में पहले चढ़ा दिया जाता था। इसके बाद नीलाम हुए लोहे को ट्रक में भर दिया जाता था। बाद में ट्रक आसानी से वर्कशॉप के बाहर निकल जाता था।
पहले होती थी निगरानी
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था करीब साढे 4 साल से चल रही थी। इससे पहले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मौजूदगी में नीलाम होने वाले लोहे का ढेर बनाया जाता था। लेखा आदि विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम द्वारा लोहे की गुणवत्ता, कीमत और मात्रा का निर्धारण किया जाता था। इसके बाद सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इस ढेर को नीलामी के लिए जारी किया जाता था। इस व्यवस्था के चलते ढेर में गड़बड़ी की संभावना नहीं रह जाती थी।
बंद कर दी यह व्यवस्था
सूत्रों ने बताया कि इस व्यवस्था को पिछले करीब साढे चार साल पहले बंद कर दिया गया। इसके चलते ढेर की निगरानी संभव नहीं हो रही थी। इसका फायदा उठाकर कुछ कर्मचारी मिलीभगत कर लोहा चोरी को अंजाम दे रहे थे।
इस चोरी को रोकने के लिए प्रशासन ने फिर से पुरानी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब पहले की तरह ही लेखा आदि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की निगरानी लोहे का ढेर लगाकर सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के बाद ही ढेर नीलामी की जाएगी। इससे लोहा चोरी की घटना लगभग समाप्त हो जाएगी।
यह था मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वर्कशॉप में लोहा चोरी की कोशिश का मामला पकड़ा गया था। नीलामी के अलावा पार्टी ने ट्रक में दूसरा लोहा भी चढ़ा लिया था। किसी ने इसका वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेज दिया था। इसके बाद हरकत में आए अधिकारियों ने पूरे ट्रक को खाली करवाया था। बाद में इस ट्रक में 210 किलो दूसरा लोहा मिला था।
किया था खुलासा
इस पूरे मामले का खुलासा किया गया था। इसके बाद मामले में विजिलेंस ने भी कार्रवाई की है। प्रशासन ने भी डीपो मटेरियल सुपरिंटेंडेंट राकेश मीणा को चार्जशीट थमाई है। माना जा रहा है कि मामले में अभी और भी कर्मचारियों को दंडित किया जा सकता है।