Rajasthan : राजस्थान में डाक्टर्स-नर्सों का डेपूटेशन होगा खत्म, अफसर ने डेपुटेशन किया तो दी जाएगी चार्जशीट-मंत्री परसादीलाल।

राजस्थान में डाक्टर्स-नर्सों का डेपूटेशन होगा खत्म, अफसर ने डेपुटेशन किया तो दी जाएगी चार्जशीट-मंत्री परसादीलाल।

राजस्थान विधानसभा सत्र मे चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा अपने ही विभाग की गड़बड़ियों को उजागर किया। उन्होंने राजनीतिक अप्रोच से डॉक्टर्स नर्सिंगकर्मियों के शहरों में ही जमे रहने और दूर दराज के अस्पतालों में नहीं जाने की बात स्वीकार की। मंत्री मीणा ने कहा कि हालात दयनीय हैं। डॉक्टर, नर्स होते हुए भी अस्पताल खाली पड़े हैं। अप्रोच से एक ही जगह जमे बैठे हैं। हम खाली पड़े अस्पतालों में डॉक्टर्स एनएम को भेजकर ही रहेंगे। हम तो फकीर हैं भाईं, हम मीणाओं का क्या है, किसी की परवाह नहीं है। हम चाहते हैं डॉक्टर की जहां ड्यूटी है, वहां काम करें। मंत्री ने कहा कि बिना पोस्ट अप्रोच से लगे डॉक्टर्स का हमने वेतन भी रोक दिया है। मंत्री ने कहा कि मैंने ‘ पहले दिन ही आकर तय कर लिया था, मैं इस पर रहूं या न रहूं, लेकिन इस डेपुटेशन के सिस्टम को बंद करूंगा। मीणा स्वास्थ्य ​की अनुदान मांगों पर विधानसभा में बहस का जवाब दे रहे थे। मीणा ने कहा कि बहुत दयनीय हालत है। विधायकों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कि आप इन चीजों में दबाव मत डालना। आपके अस्पताल में 6 डॉक्टर की पोस्ट है तो सातवां मत मांगना। सातवां तो वहीं जाएगा जहां पोस्ट है। वेतन कहीं से ले रहे हैं, काम कहीं पर कर रहे हैं, यह कहां का तरीका है? बिना पोस्ट अप्रोच से लगे डॉक्टर्स का हमने वेतन भी रोक दिया है।
अफसर ने डेपुटेशन किया तो दी जाएगी चार्जशीट।
परसादीलाल मीणा ने कहा कि मेरे पास एक दिन विराटनगर के विधायक आए और कहा कि मेरे 5 डॉक्टर विराटनगर से सीएमएचओ फर्स्ट ने लगा रखे हैं। हमने जानकारी ली तो 5 नहीं 70 डॉक्टर बैठे थे। हमने तुरंत उन्हें वहां से रिलीव करवाया। हमें पता ही नहीं है और अफसरों ने अपने स्तर पर डेपुटेशन कर रखे हैं। कोई सीएमएचओ, ब्लॉक सीएमएचओ, संभागीय अधिकारी बिना सरकार की जानकारी के किसी डॉक्टर, जीएनएम, एएनएम का डेपुटेशन अपनी मर्जी से करेगा तो 16 सीसी की चार्जशीट दी जाएगी। मंत्री परसदीलाल मीणा ने कहा कि हमारे 2000 तो एएनएम सरप्लस हैं। 1700 सब सेंटर्स पर ताले हैं। हम सबको वापस भेजेंगे। पद पर रहें न रहें इस बात की चिंता नहीं है मुझे। हमें जनता की चिंता है। मैंने ऐसे कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर्स सीएचसी देखी है जहां एक भी डॉक्टर नहीं है। आज 6 सीएचसी ऐसी हैं जहां एक भी डॉक्टर नहीं हैं। 200 प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स पीएचसी ऐसी हैं जहां एक भी डॉक्टर नहीं हैं। हमारे यहां सरप्लस बैठे हैं काम है नहीं और वहां अस्पताल खाली पड़े हैं। बहुत बड़ी चिंता है। एएनएम के बिना 1700 सब सेंटर खाली पड़े हैं जबकि एएनएम बहुत भर्ती कर लिए हमने। एनएचएम में 12000 एएनएम हैं इतने ही और भर्ती कर लिए। फिर भी हमारे अस्पताल सब सेंटर्स खाली रहें। पता नहीं ये कहां काम कर रहे हैं समानीकरण करके हर सेंटर पर लगाएंगे। पीएचसी पर 50 तरह की दवाएं रहेंगी। बहुत जल्द मुख्यमंत्री के पास फाइल भेजकर समानीकरण का फैसला करेंग।
पूर्व मंत्री रघु शर्मा पर उठे सवाल।
परसादीलाल मीणा ने डॉक्टर्स और नर्सिगकर्मियों की पोस्टिंग और खाली पड़े अस्पतालों के हालात पर जिस बेबाकी से दयनीय हालत बताए। उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल पुराने स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के कामकाज पर भी उठा दिया। डॉक्टर्स एएनएम होते हुए भी सब सेंटर्स और अस्पताल में नहीं जाने का बयान देकर मंत्री ने इसी तरफ इशारा किया है। राजनीतिक अप्रोच से बिना पद होते हुए भी शहरों में जरूरत से ज्यादा डॉक्टर्स नर्स पुराने मंत्री के समय के है।