Rajasthan : विधानसभा मे फाइनेंस बिल पर बहस के दौरान वित्त विभाग के वरिष्ठ अफसर रहे नदारद, विपक्ष ने अफसरशाही होने का लगाया आरोप।

Rajasthan : विधानसभा मे फाइनेंस बिल पर बहस के दौरान वित्त विभाग के वरिष्ठ

अफसर रहे नदारद, विपक्ष ने अफसरशाही होने का लगाया आरोप।

राजस्थान विधानसभा सत्र में एप्रोप्रिएशन और फाइनेंस बिल पर बहस के दौरान वित्त विभाग के वरिष्ठ अफसरों के सदन में नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने आपत्ति जताई। राठौड़ अप्रोप्रिशन बिल पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम बोले रहे हैं। लेकिन ऑफिसर्स गैलरी में वित्त विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव मौजूद नहीं है।

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ये बड़े अफसर मुख्यमंत्री जब आएंगे तब उनके साथ आएंगे। फिर बिल पर यहां बोलने का मतलब क्या रह जाएगा। अफसरशाही को इतना हावी कर दिया है। अफसर सदन के प्रति उत्तरदायी नहीं दिख रहे। सिर्फ मुख्यमंत्री के प्रति उत्तरदायी हो गए हैं। इस पर मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि वित्त विभाग के प्रमुख सचिव के प्रतिनिधि मौजूद हैं। वे लिख रहे हैं।

राठौड़ बोले कि प्रतिनिधि का क्या मतलब है, मैं भी कल मेरे प्रधान-सरपंच को प्रतिनिधि बनाकर यहां सदन में भेज दूं क्या। यह अफसरशाही को कितना हावी कर दिया है कि मंत्री को असहाय होकर उनकी तरफदारी करनी पड़ रही है।नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि सदन में वित्त विभाग के वरिष्ठ अफसर नहीं होना गंभीर बात है।

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एप्रोप्रिएशन बिल पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ अफसरों का सदन की ऑफिसर्स गैलरी में होना जरूरी है। कल्ला ने जब सफाई दी तो कटारिया ने कहा कि जो मर्जी आए आप करते रहि​ए।