INDIAN RAILWAY : रेलवे मॉक ड्रिल में संरक्षा की खुली पोल, रास्ते में अटका मेडिकल वाहन, जांच के आदेश

रेलवे मॉक ड्रिल में संरक्षा की खुली पोल, रास्ते में अटका मेडिकल वाहन, जांच के आदेश
कोटा। न्यूज. रेलवे मॉक ड्रिल में बड़ी खामी सामने आई है। घटना के बाद दुर्घटना राहत मेडिकल वाहन रास्ते में अटक गया। बाद में वाहन ठीक कर कोटा लाया गया। प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सवाईमाधोपुर के पास मखोली और रणथंबोर के बीच मॉक ड्रिल का आयोजन किया था। इसके तहत क्रॉसिंग गेट पर एक टावर वैगन को ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराना बताया गया था। घटना की सूचना मिलते ही कोटा में हूटल बज गए। हूटर बजने के साथ ही अधिकारी, सुपरवाइजर और कर्मचारी दुर्घटना राहत ट्रेन और दुर्घटना राहत मेडिकल वाहन में घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद रेलवे द्वारा इसे मॉक ड्रिल घोषित किया गया।
मेडिकल वाहन में आई खराबी
सूत्रों ने बताया कि कोटा लौटते समय लाखेरी और लबान स्टेशन के बीच मेडिकल वाहन अचानक बंद हो गया। चालकों कि काफी कोशिशों के बाद भी वाहन दोबारा शुरू नहीं हुआ। इसके बाद चालक पीछे की केबिन में गए। यहां यह वाहन चालू हो गया। इसके बाद चालक वापस आगे की केबिन में आए। यहां चालको ने फिर से वाहन चलाने की कोशिश की। इस बार यह वाहन चल गया। इसके बाद वाहन को कोटा लाया गया।
खराबी के समय इस वाहन में वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (टीआरओ) एके पाठक सहित कई अधिकारी सुपरवाइजर और मैकेनिक मौजूद थे।
20 मिनट खड़ा रहा मौके पर
सूत्रों ने बताया कि खराबी के दौरान मेडिकल वाहन करीब 20 मिनट मौके पर खड़ा। रास्ता जाम होने पर नई दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस भी कुछ देर वाहन के पीछे खड़ी रही।
संरक्षा खुली पोल
दुर्घटना राहत मेडिकल वाहन का रास्ते में यूं आटकना गंभीर बात मानी जा रही है। अगर वास्तविक घटना में वाहन ऐसे अटक जाए तो समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दुर्घटना में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि मामले में खास बात यह है कि यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब रेलवे द्वारा विशेष संरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा ऐसी खामियों से बचने के लिए समय-समय पर भी अधिकारियों द्वारा इन मेडिकल वाहनों की जांच की जाती है। इन वाहनों को चला कर भी देखा जाता है। इसके बाद भी ऐसी खामी सामने आना गंभीर चिंता का विषय है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले में बुधवार को मेडिकल वाहन चालकों के बयान दर्ज किए गए।