Kota: फीका रहा शील्डो का जुलूस, नहीं जुटे रेल कर्मचारी

Kota: फीका रहा शील्डो का जुलूस, नहीं जुटे रेल कर्मचारी

Kota Rail News :  कोटा रेल मंडल द्वारा सोमवार को जबलपुर मुख्यालय से जीतकर लाए शील्डों का विजय जुलूस निकाला गया। स्टेशन, बजरिया चौराहा तथा माला रोड होते हुए जुलूस डीआरएम ऑफिस पहुंचा। जुलूस के लिए शील्डों को एक ट्रक में रखा गया था। इसी ट्रक में मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा सहित अन्य अधिकारी अधिकारी भी बैठे हुए थे।
अपेक्षा अनुसार कर्मचारी नहीं जुटने से यह जुलूस पूरी तरह से फीका रहा। जुलूस में अन्य तो दूर शील्ड जीतने वाले विभागों तक के कर्मचारी मौजूद नहीं थे। अपेक्षा अनुरूप कर्मचारी नहीं जुटने से अधिकारी मायूस नजर आए।
शुरुआत में 50-60 कर्मचारी जरूर पहुंचे। लेकिन जैसे-जैसे जुलूस आगे बढ़ता गया यह कर्मचारी भी गायब होते गए। साथ चल रहे कुछ कर्मचारी जुलूस की जगह छांव की तलाश करते नजर आए। डीआरएम ऑफिस तक पहुंचते-पहुंचते जुलूस की हालत यह थी कि कर्मचारियों से ज्यादा अधिकारी नजर आ रहे थे।
पसरा रहा मातम
बैंड-बाजा तो दूर जुलूस में एक ढोल बजाने वाला तक नहीं था। इसके चलते पूरे जुलूस में मातम सा पसरा रहा। ढोल-नगाड़े नहीं बजने से जुलूस में शोक सभा जैसा सन्नाटा छाया रहा।
रास्ते में विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा जुलूस का स्वागत किया गया। इस दौरान जुलूस में थोड़ी देर के लिए जरूर कुछ रौनक नजर आई।
रविवार की जगह सोमवार को निकाला
उल्लेखनीय है कि अधिकारी शील्ड लेकर रविवार को कोटा पहुंच गए थे। लेकिन छुट्टी के चलते रविवार को जुलूस नहीं निकाला गया। अधिकारियों को उम्मीद थी ऑफिस खुलने पर सोमवार को कर्मचारी जुटेंगे। लेकिन कर्मचारियों ने जुलूस में शामिल होना जरूरी नहीं समझा।
सूत्रों ने बताया कि इसका एक प्रमुख कारण कर्मचारियों के प्रति अधिकारियों के रवैया को भी माना जा रहा है।
इससे अधिकारी कर्मचारियों में अपनी लोकप्रियता का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं।
नहीं की विज्ञप्ति जारी
जुलूस फीका रहने पर अधिकारी काफी खिन्न नजर आए। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है अधिकारियों ने जुलूस की विज्ञप्ति तक जारी नहीं की। यह संभवत पहला अवसर है जब अधिकारियों ने शील्ड जीतने की खुशी में निकाले गए विजय जुलूस की विज्ञप्ति तक जारी करना जरूरी नहीं समझा।
जीती 7 शील्डें
उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल ने कुल 7 शील्डें जीती हैं। इनमें परिचालन, कार्मिक, ब्रिज-एलएचएस कार्य तथा गंगापुर रनिंग रूप को स्वतंत्र रूप से तथा टिकट चेकिंग, ऊर्जा संरक्षण एवं रेल मदद शील्ड भोपाल मंडल के साथ संयुक्त रूप से मिली है। हालांकि कोटा रेल मंडल प्रशासन द्वारा पहले नौ शील्डें मिलने की जानकारी दी गई थी।
गौरतलब है कि कोटा मंडल को जबलपुर और भोपाल मंडल से कम शील्डें मिली हैं। जबलपुर मंडल को जहां 8 शील्डें मिली हैं, वहीं भोपाल ने 10 शील्डें जीती हैं। कोटा मंडल ने पिछली बार की अपेक्षा दो शील्डें ज्यादा जीती हैं। पिछली बार कोटा मंडल को कुल पांच शील्डें ही मिली थीं। यह अब तक के इतिहास में सबसे कम शील्डें थीं।