Kota : राम मंदिर में संत विश्वस्वरूप का चातुर्मास, कल से शुरू होगा 5100 शिवलिंगों का रुद्राभिषेक

Kota : राम मंदिर में संत विश्वस्वरूप का चातुर्मास, कल से शुरू होगा 5100 शिवलिंगों का रुद्राभिषेक

कोटा। न्यूज़. प्रयागराज के अनंत विभूषित श्री 1008 स्वामी विश्वस्वरूप ब्रह्मचारी स्टेशन माला रोड स्थित राम मंदिर में
चातुर्मास कर रहे हैं। इस दौरान रविवार से लगातार दो महीने तक कुल 5100 मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा।
यह जानकारी श्रीराम प्रबंध समिति के अध्यक्ष ऋषि शर्मा और कार्यक्रम संयोजक डॉ सुधीर उपाध्याय ने शुक्रवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी।
ऋषि ने बताया कि इस उपलक्ष में शनिवार को भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। श्री राम मंदिर के सुबह 10 बजे शुरू होकर यह यात्रा बजरिया क्षेत्र में घूमते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी।
उपाध्याय ने बताया कि पूज्य दण्डी स्वामी श्री नैमीनाथ अन्न क्षेत्र (प्रयागराज) से संतों का शुभागमन पहली बार श्री राम मंदिर कोटा जंक्शन पर हो रहा है। विश्व स्वरूप ब्रह्मचारि महाराज 10 जुलाई से 10 अक्टूबर तक रोज सुबह 6 से 10 बजे तक पूजाचरन व सहस्रौं पार्थिव शिवलिंगाभिषेक एवं महायज्ञ यजमानों द्वारा किया जाएगा।
उपाध्याय ने बताया कि इसके अलावा शाम को 7:30 से रात 8:30 बजे तक विश्वस्वरूप महाराज का सरस प्रवचन व संबोधन होगा।
धर्म की स्थापना में संतों का विशेष योगदान
पत्रकार वार्ता में मौजूद स्वामी विश्वरूपा ने कहा कि धर्म की स्थापना में साधु संतों का विशेष योगदान है। बुराइयों को दूर करने के लिए संतों का समाज में होना बहुत जरूरी है। विश्वरूपा ने कहा कि अनादि काल से संत चातुर्मास करते आ रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य धर्म के प्रचार प्रसार के प्रभु की महिमा का वर्णन करना है। ताकि लो प्रभु के बताए मार्ग पर चलकर मोक्ष को प्राप्त हों सकें।
विश्वरूपा ने कहा कि यह उनका राजस्थान में दूसरा और कोटा में पहला चातुर्मास है। अब तक वे कुल 32 चातुर्मास कर चुके हैं। एक प्रश्न के उत्तर में विश्वरूपा ने कहा कि धर्म होगा तो ही लोग सुरक्षित होंगे। धर्म से ही मनुष्य की रक्षा होती है। धर्म से दूर रहने का परिणाम हम हाल ही में देशभर में हुई ताजा घटनाओं से आसानी से समझ सकते हैं।
इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हमें फिर से धर्म की ओर लौटना होगा। धर्म के कारण भारत विश्व गुरु रह चुका है। अब हमें इसे फिर से विश्व गुरु बनाना है।