केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड तथा कनाडा के मैनिटोबा सेक्योरिटीज़ कमीशन के बीच द्विपक्षीय समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड तथा कनाडा के मैनिटोबा सेक्योरिटीज़ कमीशन के बीच द्विपक्षीय समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने को मंजूरी दे दी है।

लाभः

• समझौता-ज्ञान, अन्य बातों के साथ, प्रतिभूति नियमन के क्षेत्र में सीमा-पार सहयोग के लिये औपचारिक आधार प्रदान करेगा, जिससे पारस्परिक सहायता की सुविधा होगी, निरीक्षण कार्यकलापों के कारगर प्रदर्शन में योगदान होगा, तकनीकी क्षेत्रीय ज्ञान उपलब्ध कराने में मदद होगी और प्रतिभूति बाजारों के नियमन तथा कानूनों के कारगर क्रियान्वयन की क्षमता बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें :   केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए श्री गुरुपीठ, त्र्यंबकेश्वर में बनने वाले 'सद्गुरु परमपूज्य मोरेदादा चैरिटेबल हॉस्पिटल' का शिलान्यास किया

• इस समझौता-ज्ञापन से मैनिटोबा के निवेशक सेबी के साथ एफपीआई के रूप में पंजीकरण के लिये पात्र हो जायेंगे।

प्रभावः

कनाडा के मैनिटोबा प्रांत में स्थित संस्थाएं सेबी के साथ फ़ॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (एफपीआई) के रूप में पंजीकरण कराना चाहती हैं, जिसके लिये पूर्व-निर्धारित शर्तों में से एक शर्त यह है कि विदेश/विदेशी प्रांत के प्रतिभूति बाजार नियामक को इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सेक्योरिटीज कमीशन के बहुपक्षीय समझौता-ज्ञापन (आईओएससीओ-एमएमओयू) का हस्ताक्षरकर्ता होना चाहिये। साथ ही सेबी के साथ एफपीआई के रूप में मैनिटोबा की संस्थाओं के लिये एक द्विपक्षीय समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना भी जरूरी है; तभी उन्हें अनुमति मिलेगी। मैनिटोबा के लगभग बीस एफपीआई हैं, जिनके ग्राहकों की परिसम्पत्तियों की कुल बाजार कीमत 2,665 करोड़ रुपये है। समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो जाने से ये सभी एफपीआई लाभान्वित होंगे तथा भारतीय बाजारों में लगातार निवेश करते रहने के पात्र हो जायेंगे।

यह भी पढ़ें :   राजस्थान उच्च न्यायालय की स्टेनोग्राफर की भर्ती का मामला

***

डीएस/एमजी/एएम/एकेपी/एसके