प्रसार भारती की क्रय नीति

प्रसार भारती में कारोबारी सुगमता की भावना से, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्र ने प्रसार भारती सदस्य (वित्त) श्री डीपीएस नेगी, अपर सचिव सुश्री नीरजा शेखर और अन्य उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में पहली बार एक क्रय नीति जारी की है।

प्रसार भारती की क्रय नीति, आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित सभी प्रसार भारती वर्टिकल में सभी क्रय संस्थाओं को निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामग्री, सेवाओं और निर्दिष्ट गुणवत्ता के काम के क्रय की खरीद के लिए एक निर्देश है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, प्रसार भारती को यह सुनिश्चित करने के लिए कि महत्वपूर्ण कार्य समय पर, अच्छी तरह से समन्वित तरीके से और कम से कम लागत के साथ पूरा हो सके, एक समान और अच्छी तरह से लिखित नीति दिशानिर्देश और प्रक्रियाओं की आवश्यकता थी।

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क्रय नीति जारी करने के अवसर पर “सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने इस तरह की व्यापक नीति लाने में प्रसार भारती के प्रयासों की सराहना की जो संगठन को समय पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त करने में मदद करेगी।”

क्रय प्रक्रिया को खरीद के तरीकों के साथ प्रमुख चरणों में विभाजित किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया संबंधी मानकीकरण में मदद मिलेगी और खरीद में लगने वाले समय मे कमी होगी।

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सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) श्री डी.पी.एस. नेगी ने कहा कि “मुझे विश्वास है कि व्यापक नीति से खरीद प्रक्रियाओं में तेजी लाने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप समय पर बजट का इस्तेमाल हो सकेगा और विशेष रूप से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय-सीमा के भीतर पूरा करना संभव हो सकेगा। क्रय गतिविधियों के विभिन्न चरणों के लिए निर्धारित समय-सीमा संगठन की खरीद प्रणाली की दक्षता में वृद्धि करेगी। इस दस्तावेज का एक पीडीएफ वर्जन प्रसार भारती की वेबसाइट: https://prasarbharati.gov.in पर उपलब्ध होगा।”

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एमजी/ एमए/ एसकेएस