60 घंटे की बर्बादी व विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी में हुआ थोड़ा इजाफा, 8 नए बिल पास

60 घंटे की बर्बादी व विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी में हुआ थोड़ा इजाफा, 8 नए बिल पास

जब से संसद का मॉनसून सत्र हुआ है तब से विपक्ष, सरकार पर हमलावर है. शायद कोई भी ऐसा दिन नहीं गया है, जब विपक्ष ने संसद में सरकार पर हल्ला नहीं बोला हो. पेगासस, कोरोना, किसान समेत विभिन्न मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा की घंटों की कार्यवाही स्थगित रही है. हालांकि, सत्र के तीसरे हफ्ते में राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी में इजाफा हुआ है. यह बढ़कर में 24% हो गई है और इस दौरान 8 नए बिल पारित करवाए गए हैं. इसके अलावा, इस हफ्ते में इन बिलों पर 17 दलों के 68 सांसदों ने चर्चा की है.

पहले 3 हफ्तों में राज्यसभा की 78 घंटों की कार्यवाही में 60 घंटे बर्बाद हुए हैं. इस दौरान 197 शून्य काल और 153 स्पेशल मेंशन ऑकेजन नहीं हो सके. जानकारी के अनुसार, तीसरे हफ्ते में राज्यसभा में 8 बिलों के पारित होने के बाद प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी हुई. जहां पिछले हफ्ते प्रोडक्टिविटी 13.70% थी, तो यह अब बढ़कर 24.20% हो गई है. वहीं, मॉनसून सत्र के पहले तीनों हफ्तों को मिलाकर ओवरऑल प्रोडक्टिविटी 22.60% रही है.

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तीसरे सप्ताह के दौरान, 17 दलों के 68 सदस्यों ने 8 बिलों पर चर्चा में भाग लिया. इन बिलों को पारित करने में सदन ने 3 घंटे 25 मिनट का समय बिताया. सप्ताह के दौरान कुल 28 घंटे 30 मिनट के उपलब्ध समय में से एक घंटे 41 मिनट प्रश्नकाल में व्यतीत हुए हैं, जहां पर 17 सवालों के मौखिक रूप से जवाब दिए गए. सप्ताह के दौरान व्यवधानों के कारण सदन का 21 घंटे 36 मिनट का समय नष्ट हो गया.

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वहीं, पिछले तीन हफ्तों में सदन के कुल 78 घंटे 30 मिनट में से 60 घंटे 28 मिनट का समय नष्ट हुआ है. 17 घंटे 44 मिनट के कुल बाकी हुए काम के समय में से सदन ने 4 घंटे 49 मिनटों का समय सरकारी बिलों, 3 घंटे 19 मिनट का समय प्रश्नकाल और चार घंटे 37 मिनट का समय कोरोना से संबंधित विषयों पर चर्चा करने में बिताया है. राज्यसभा द्वारा अब तक पारित किए गए 12 विधेयकों पर चर्चा में कुल 80 सदस्यों ने भाग लिया है.

जिन दलों के सदस्यों ने सीमित अवधि में बिलों पर चर्चा में भाग लिया, वे- एआईएडीएमके, आम आदमी पार्टी, बीजेडी, बीजेपी, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, डीएमके, जेडी(यू), एनसीपी, आरजेडी, आरपीआई, शिवसेना, टीडीपी, टीएमसी, टीआरएस और वाईएसआरसीपी हैं